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New ज्याला मरण नाही असा Status, Photo, Video

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#मराठीकविता  White स्वप्ना मागे पळताना 
माझ्यात मी हरवलो..
हरवताना जगात या 
स्वतःच मी  दुरावलो..

जबाबदारीच्या ओझ्याने 
अगदीच मी भारावलो..
भारावलेल्या आयुष्याला
जगायलाच मी विसरलो ..

 उगाच का बरं पळतोय 
अजूनहि नाही समजलो..
एकवेळ समजलं गेलं मला 
पण तरीही नाही थांबलो..?

पण तरीही नाही थांबलो..?

©गोरक्ष अशोक उंबरकर

तरीहि नाही थांबलो

90 View

#Motivational #ganesha

📚 विषय नाही हार्ड 📚 🔴 VIJUDADA 🔴 #ganesha

135 View

#कविता #Buddha_purnima #nojotohindi  White पल्लव की डायरी
मन के संचित भावो ने ही
आवरण भव भवो के ओड़े है
आकुल व्याकुल हर्ष विषाद में
अनजाने पापो के पाप आत्मा में जोड़े है
करो चिकित्सा इनकी अब दस दिन
दसधर्म को प्रगटाओ
एक एक धर्म का सार समझो
बोधिसत्व चेतना तक पहुँचायो
कैम्प समझो आत्मशुद्धि का दस दिन
विकारों को दूर भगाये
सत्य शौच संयम त्याग तपस्या
और व्रतों से मुक्तिपथ अपनाकर
जन्म मरण का रोग भगाये
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Buddha_purnima जन्म मरण के रोग भगाये #nojotohindi

243 View

#मराठीकविता #युवाकवी

आसवांची साद ऐकूण का सखे तू येत नाही, कोण म्हणतो काळजाला बोलता ग येतं नाही.. #युवाकवी

90 View

White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी? आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था? शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी। लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था। वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं! आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था? भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी? किसने आपके कपड़े धोये? डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे। किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी? कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था? कौन फसल लाता था? कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना। जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे। . . . *और कहते है कि छुआछूत था।* *यह छुआछूत की बीमारी अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।* *जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई उल्लेख नहीं करता।* *अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,* *बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,* *कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!* जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये.. देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं! *सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...* * एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*. ©भारद्वाज

#पुराने #love_shayari  White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था,
मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी?
आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था?
शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी।
लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था।
वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं!
आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था?
भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी?
किसने आपके कपड़े धोये?
डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे।
किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी?
कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था?
कौन फसल लाता था?
कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना।
जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे।
. . . *और कहते है कि छुआछूत था।*
*यह छुआछूत की बीमारी  अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।*
*जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई  उल्लेख नहीं करता।*
*अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,*
*बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,*
*कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!*
जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये..
देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं!
*सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...*
* एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*.

©भारद्वाज

#love_shayari #पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श कर

11 Love

#मराठीकविता  White स्वप्ना मागे पळताना 
माझ्यात मी हरवलो..
हरवताना जगात या 
स्वतःच मी  दुरावलो..

जबाबदारीच्या ओझ्याने 
अगदीच मी भारावलो..
भारावलेल्या आयुष्याला
जगायलाच मी विसरलो ..

 उगाच का बरं पळतोय 
अजूनहि नाही समजलो..
एकवेळ समजलं गेलं मला 
पण तरीही नाही थांबलो..?

पण तरीही नाही थांबलो..?

©गोरक्ष अशोक उंबरकर

तरीहि नाही थांबलो

90 View

#Motivational #ganesha

📚 विषय नाही हार्ड 📚 🔴 VIJUDADA 🔴 #ganesha

135 View

#कविता #Buddha_purnima #nojotohindi  White पल्लव की डायरी
मन के संचित भावो ने ही
आवरण भव भवो के ओड़े है
आकुल व्याकुल हर्ष विषाद में
अनजाने पापो के पाप आत्मा में जोड़े है
करो चिकित्सा इनकी अब दस दिन
दसधर्म को प्रगटाओ
एक एक धर्म का सार समझो
बोधिसत्व चेतना तक पहुँचायो
कैम्प समझो आत्मशुद्धि का दस दिन
विकारों को दूर भगाये
सत्य शौच संयम त्याग तपस्या
और व्रतों से मुक्तिपथ अपनाकर
जन्म मरण का रोग भगाये
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Buddha_purnima जन्म मरण के रोग भगाये #nojotohindi

243 View

#मराठीकविता #युवाकवी

आसवांची साद ऐकूण का सखे तू येत नाही, कोण म्हणतो काळजाला बोलता ग येतं नाही.. #युवाकवी

90 View

White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी? आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था? शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी। लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था। वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं! आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था? भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी? किसने आपके कपड़े धोये? डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे। किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी? कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था? कौन फसल लाता था? कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना। जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे। . . . *और कहते है कि छुआछूत था।* *यह छुआछूत की बीमारी अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।* *जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई उल्लेख नहीं करता।* *अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,* *बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,* *कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!* जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये.. देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं! *सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...* * एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*. ©भारद्वाज

#पुराने #love_shayari  White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था,
मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी?
आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था?
शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी।
लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था।
वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं!
आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था?
भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी?
किसने आपके कपड़े धोये?
डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे।
किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी?
कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था?
कौन फसल लाता था?
कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना।
जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे।
. . . *और कहते है कि छुआछूत था।*
*यह छुआछूत की बीमारी  अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।*
*जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई  उल्लेख नहीं करता।*
*अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,*
*बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,*
*कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!*
जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये..
देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं!
*सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...*
* एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*.

©भारद्वाज

#love_shayari #पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श कर

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