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#outoflove  सुनो! एक बात कहूं....

सुनो! एक बात कहूं..... #outoflove

162 View

यूँ तो मुझे इश्क़ में कभी कोई दिलचस्पी रही नहीं… लेकिन….. मेरी शायरी का सबसे अज़ीज़ किरदार है “वो” ….!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha

#शायरी  यूँ तो मुझे 
इश्क़ में 
कभी कोई दिलचस्पी रही नहीं…
लेकिन…..
मेरी शायरी का 
सबसे अज़ीज़ किरदार है “वो” ….!!!!

©हिमांशु Kulshreshtha

यूँ तो...

13 Love

White #सुनो कोई एक चेहरा भला कब तक देखे आईने में, सच कहूं तो मेरा खुद से भी दिल भर गया हैं.. #Radha ©aapki_adhuri_baten

#विचार #सुनो #good_night #Radha  White #सुनो 
कोई एक चेहरा भला 
कब तक देखे आईने में,
सच कहूं तो मेरा खुद
 से भी दिल भर गया हैं..
#Radha

©aapki_adhuri_baten

#good_night #सुनो कोई एक चेहरा भला कब तक देखे आईने में, सच कहूं तो मेरा खुद से भी दिल भर गया हैं.. #Radha

15 Love

#विचार #love_shayari  White आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे साझा कर दूं, क्योंकि हो सकता है कि आपने भी ऐसा किया हो। जब हम बचपन में अंधेरे से डरते थे, और हमें रात को किसी काम से बाहर भेजा जाता था, या फिर किसी पड़ोसी के घर पर खेलते-खेलते देर हो जाती थी और अंधेरा छा जाने के कारण डर लगने लगता था, लेकिन घर भी तो जाना था।

तो हम अपने ताऊजी, मां, काकी, या दादी से कहते थे कि "घर छोड़ कर आ जाओ।" और वे कहते, "हां, चलो छोड़ आते हैं।" जब घर का मोड़ आता तो वे कहते, "अब चल जा," लेकिन डर तो लग रहा होता था। तो हम कहते, "आप यहीं रुकना," और वे बोलते, "मैं यहीं हूँ, तेरा नाम बोलते रहूंगा।"

जब तक वे हमारा नाम लेते रहते थे और जब तक हम घर नहीं पहुंच जाते थे, हमें यह विश्वास होता था कि वे हमारे साथ ही हैं, भले ही वे घर लौट चुके होते। लेकिन जब तक हमारा दरवाजा नहीं खुलता था, तब तक डर लगता था कि कोई हमें पीछे से पकड़ न ले। और जैसे ही दरवाज़ा खुलता, हम फटाफट घर के अंदर भाग जाते थे।

फिर, जब घर के अंधेरे में चबूतरे से पानी लाने के लिए कहा जाता था, तो हम बच्चों में डर के कारण यह कहते, "नहीं, पहले तू जा, पहले तू जा।" एक-दूसरे को "डरपोक" भी कहते थे, लेकिन सभी डरते थे। पर जाना तो उसी को होता था, जिसे मम्मी-पापा कहते थे। वह डर के मारे कहता, "आप चलो मेरे साथ," और वे कहते, "नहीं, तुम जाओ, तुम तो मेरे बहादुर बच्चे हो। मैं तुम्हारा नाम पुकारूंगा।" और फिर जब वह पानी लेकर आता, तो वे कहते, "देखो, डर नहीं लगा न?"

लेकिन सच कहूं तो डर जरूर लगता था। पर यही ट्रिक हम दूसरे पर आजमाते थे। आज देखो, हम और हमारे बच्चे क्या डरेंगे, वे तो डर को ही डरा देंगे! 😂 बातें बहुत ज्यादा हो गई हैं, कुछ को फालतू भी लग सकती हैं, लेकिन हमारे बचपन में हर घर में हर बच्चे के साथ यही होता था। अब आपकी प्रतिक्रिया देने की बारी है। क्या आपके साथ भी यही हुआ 

ChatGPT can make

©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे

171 View

White लोग अपने महबूब से मोहब्बत करते हैं.... पर मैंने अपने महबूब को ही मोहब्बत कहा है...... और जब आपको मोहब्बत से मोहब्बत हो जाती है तो मोहब्बत की इम्तिहान हो जाती है .... ऐसा कहा है कि तुम्हें लिखता हूं तो लफ्ज़ हो तुम ...! तुम्हें सोचता हूं तो ख्याल हो तुम....! तुम्हें मांगता हूं तो दुआ हो तुम....! तुम्हें पूछता हूं तो सवाल हो तुम....! तुम्हें कहता हूं तो बात हो तुम.....! तुम्हें तरसता हूं तो बरसात हो तुम ...! तुम्हें पढ़ता हूं तो शैर हो तुम....! सच कहूं तो मोहब्बत हो तुम....! ©BROKENBOY

#sad_shayari  White लोग अपने महबूब से मोहब्बत करते हैं....
पर मैंने अपने महबूब को ही मोहब्बत कहा है...... 
और जब आपको मोहब्बत से मोहब्बत हो जाती है तो मोहब्बत की इम्तिहान हो जाती है ....
ऐसा कहा है कि 
तुम्हें लिखता हूं तो लफ्ज़ हो तुम ...!
तुम्हें सोचता हूं तो ख्याल हो तुम....!
 तुम्हें मांगता हूं तो दुआ हो तुम....!
तुम्हें पूछता हूं तो सवाल हो तुम....!
तुम्हें कहता हूं तो बात हो तुम.....!
तुम्हें तरसता हूं तो बरसात हो तुम ...!
तुम्हें पढ़ता हूं तो शैर हो तुम....!
सच कहूं तो मोहब्बत हो तुम....!

©BROKENBOY

#sad_shayari romantic shayari लोग अपने महबूब से मोहब्बत करते हैं.... पर मैंने अपने महबूब को ही मोहब्बत कहा है...... और जब आपको मोहब्बत से

13 Love

#Emotional  @labj_ke_do_shabd

#Emotional मैं कुछ कहूं तू सुन तो जरा.......

99 View

#outoflove  सुनो! एक बात कहूं....

सुनो! एक बात कहूं..... #outoflove

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यूँ तो मुझे इश्क़ में कभी कोई दिलचस्पी रही नहीं… लेकिन….. मेरी शायरी का सबसे अज़ीज़ किरदार है “वो” ….!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha

#शायरी  यूँ तो मुझे 
इश्क़ में 
कभी कोई दिलचस्पी रही नहीं…
लेकिन…..
मेरी शायरी का 
सबसे अज़ीज़ किरदार है “वो” ….!!!!

©हिमांशु Kulshreshtha

यूँ तो...

13 Love

White #सुनो कोई एक चेहरा भला कब तक देखे आईने में, सच कहूं तो मेरा खुद से भी दिल भर गया हैं.. #Radha ©aapki_adhuri_baten

#विचार #सुनो #good_night #Radha  White #सुनो 
कोई एक चेहरा भला 
कब तक देखे आईने में,
सच कहूं तो मेरा खुद
 से भी दिल भर गया हैं..
#Radha

©aapki_adhuri_baten

#good_night #सुनो कोई एक चेहरा भला कब तक देखे आईने में, सच कहूं तो मेरा खुद से भी दिल भर गया हैं.. #Radha

15 Love

#विचार #love_shayari  White आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे साझा कर दूं, क्योंकि हो सकता है कि आपने भी ऐसा किया हो। जब हम बचपन में अंधेरे से डरते थे, और हमें रात को किसी काम से बाहर भेजा जाता था, या फिर किसी पड़ोसी के घर पर खेलते-खेलते देर हो जाती थी और अंधेरा छा जाने के कारण डर लगने लगता था, लेकिन घर भी तो जाना था।

तो हम अपने ताऊजी, मां, काकी, या दादी से कहते थे कि "घर छोड़ कर आ जाओ।" और वे कहते, "हां, चलो छोड़ आते हैं।" जब घर का मोड़ आता तो वे कहते, "अब चल जा," लेकिन डर तो लग रहा होता था। तो हम कहते, "आप यहीं रुकना," और वे बोलते, "मैं यहीं हूँ, तेरा नाम बोलते रहूंगा।"

जब तक वे हमारा नाम लेते रहते थे और जब तक हम घर नहीं पहुंच जाते थे, हमें यह विश्वास होता था कि वे हमारे साथ ही हैं, भले ही वे घर लौट चुके होते। लेकिन जब तक हमारा दरवाजा नहीं खुलता था, तब तक डर लगता था कि कोई हमें पीछे से पकड़ न ले। और जैसे ही दरवाज़ा खुलता, हम फटाफट घर के अंदर भाग जाते थे।

फिर, जब घर के अंधेरे में चबूतरे से पानी लाने के लिए कहा जाता था, तो हम बच्चों में डर के कारण यह कहते, "नहीं, पहले तू जा, पहले तू जा।" एक-दूसरे को "डरपोक" भी कहते थे, लेकिन सभी डरते थे। पर जाना तो उसी को होता था, जिसे मम्मी-पापा कहते थे। वह डर के मारे कहता, "आप चलो मेरे साथ," और वे कहते, "नहीं, तुम जाओ, तुम तो मेरे बहादुर बच्चे हो। मैं तुम्हारा नाम पुकारूंगा।" और फिर जब वह पानी लेकर आता, तो वे कहते, "देखो, डर नहीं लगा न?"

लेकिन सच कहूं तो डर जरूर लगता था। पर यही ट्रिक हम दूसरे पर आजमाते थे। आज देखो, हम और हमारे बच्चे क्या डरेंगे, वे तो डर को ही डरा देंगे! 😂 बातें बहुत ज्यादा हो गई हैं, कुछ को फालतू भी लग सकती हैं, लेकिन हमारे बचपन में हर घर में हर बच्चे के साथ यही होता था। अब आपकी प्रतिक्रिया देने की बारी है। क्या आपके साथ भी यही हुआ 

ChatGPT can make

©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma

कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे

171 View

White लोग अपने महबूब से मोहब्बत करते हैं.... पर मैंने अपने महबूब को ही मोहब्बत कहा है...... और जब आपको मोहब्बत से मोहब्बत हो जाती है तो मोहब्बत की इम्तिहान हो जाती है .... ऐसा कहा है कि तुम्हें लिखता हूं तो लफ्ज़ हो तुम ...! तुम्हें सोचता हूं तो ख्याल हो तुम....! तुम्हें मांगता हूं तो दुआ हो तुम....! तुम्हें पूछता हूं तो सवाल हो तुम....! तुम्हें कहता हूं तो बात हो तुम.....! तुम्हें तरसता हूं तो बरसात हो तुम ...! तुम्हें पढ़ता हूं तो शैर हो तुम....! सच कहूं तो मोहब्बत हो तुम....! ©BROKENBOY

#sad_shayari  White लोग अपने महबूब से मोहब्बत करते हैं....
पर मैंने अपने महबूब को ही मोहब्बत कहा है...... 
और जब आपको मोहब्बत से मोहब्बत हो जाती है तो मोहब्बत की इम्तिहान हो जाती है ....
ऐसा कहा है कि 
तुम्हें लिखता हूं तो लफ्ज़ हो तुम ...!
तुम्हें सोचता हूं तो ख्याल हो तुम....!
 तुम्हें मांगता हूं तो दुआ हो तुम....!
तुम्हें पूछता हूं तो सवाल हो तुम....!
तुम्हें कहता हूं तो बात हो तुम.....!
तुम्हें तरसता हूं तो बरसात हो तुम ...!
तुम्हें पढ़ता हूं तो शैर हो तुम....!
सच कहूं तो मोहब्बत हो तुम....!

©BROKENBOY

#sad_shayari romantic shayari लोग अपने महबूब से मोहब्बत करते हैं.... पर मैंने अपने महबूब को ही मोहब्बत कहा है...... और जब आपको मोहब्बत से

13 Love

#Emotional  @labj_ke_do_shabd

#Emotional मैं कुछ कहूं तू सुन तो जरा.......

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