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#कविता  White ध्रुव की आँखो से आंसू अब निकलते भी नहीं हैं
क्या करूँगा अब मैं अर्पण दरपन तुम्हारे सामने? 

हाँ मृत्यु भले विराम हैं, जीवन भले संग्राम है
मैं भटकता ही रहूँगा भले ही इस जहान में, 
हर वक़्त खुद को खो कर या हो कर विलीन मैं, 
शून्य में ,क्या मिल सकूँगा तुम्हारे सामने?

 ध्रुव की आँखो से आंसू अब निकलते भी नहीं हैं
क्या करूँगा अब मैं अर्पण दरपन तुम्हारे सामने?

©ध्रुव

# कुमार विश्वास की कविता# प्रेरणादायी कविता हिंदी

81 View

समझ न सका कोई,ऐसा किरदार निभाता है, चाहे जितनी हो मुश्किलें,अकेले पार करता है, दिल के जख्मों पर ,मरहम लगातार लगाता है पर मेरे आँखों से कभी ,अश्क़ न बहने देता है.... | ©Amol M. Bodke

#कविता  समझ न सका कोई,ऐसा किरदार निभाता है, 
चाहे जितनी हो मुश्किलें,अकेले पार करता है, 
दिल के जख्मों पर ,मरहम लगातार लगाता है 
पर मेरे आँखों से कभी ,अश्क़ न बहने देता है.... |

©Amol M. Bodke

प्रेम कविता मराठी कविता कुमार विश्वास की कविता देशभक्ति कविता Maa पर कविता

10 Love

#कविता

कविता कोश मराठी कविता कुमार विश्वास की कविता Kalki हिंदी कविता

117 View

शोभा हूॅं मैं घर आंगन की, क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं। बार बार तुम खींच रहे जो, अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं। पावन सुत्र के मोती धुमिल अब, समस्त यह गांठ ही रह जाएगी। एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी। ©Ritika Vijay Shrivastava

#कविता #swiftbird  शोभा हूॅं मैं घर आंगन की,
क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं।
बार बार तुम खींच रहे जो,
अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं।
पावन सुत्र के मोती धुमिल अब,
समस्त यह गांठ ही रह जाएगी।
एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी।

©Ritika Vijay Shrivastava

#swiftbird कविता हिंदी कविता हिंदी कविता कुमार विश्वास की कविता कविता कोश

15 Love

#कविता #love_shayari  White तेरी जफ़ा को वफ़ा समझता रहा 
दिन डलता रहा और बिखरता रहा....

गर्दिश में छोड़ गयी तू अरमान 
थोड़ी कर दे मुझपर जान कुर्बान 
तू आगे आगे तेरे पीछे फिरता रहा....

तू लाख चाहे जितना मुझे आजमा 
तेरे कदमोंमें सारी खुशियाँ कर दूँ जमा 
तेरी आरजू के लिए आँसू बरसता रहा....

देख बहुत प्यारा लगे तेरा ये संसार 
खोज रहा हूँ मैं अपने जीने के सार 
अपने सुखों के महल को गिरता रहा....

अब कोई नेक नहीं लगता मुझे नग्मा 
बर्दाश्त ना हो मुझे वफ़ा का कोई सदमा 
तेरे दिए जख्मों को मैं खुद कुरेदता रहा.....

©Sangam Pipe Line Wala

#love_shayari कविताएं कविता कुमार विश्वास की कविता प्रेम कविता प्यार पर कविता

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#कविता #outoflove

#outoflove प्यार पर कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी कविता कविता कविताएं

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#कविता  White ध्रुव की आँखो से आंसू अब निकलते भी नहीं हैं
क्या करूँगा अब मैं अर्पण दरपन तुम्हारे सामने? 

हाँ मृत्यु भले विराम हैं, जीवन भले संग्राम है
मैं भटकता ही रहूँगा भले ही इस जहान में, 
हर वक़्त खुद को खो कर या हो कर विलीन मैं, 
शून्य में ,क्या मिल सकूँगा तुम्हारे सामने?

 ध्रुव की आँखो से आंसू अब निकलते भी नहीं हैं
क्या करूँगा अब मैं अर्पण दरपन तुम्हारे सामने?

©ध्रुव

# कुमार विश्वास की कविता# प्रेरणादायी कविता हिंदी

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समझ न सका कोई,ऐसा किरदार निभाता है, चाहे जितनी हो मुश्किलें,अकेले पार करता है, दिल के जख्मों पर ,मरहम लगातार लगाता है पर मेरे आँखों से कभी ,अश्क़ न बहने देता है.... | ©Amol M. Bodke

#कविता  समझ न सका कोई,ऐसा किरदार निभाता है, 
चाहे जितनी हो मुश्किलें,अकेले पार करता है, 
दिल के जख्मों पर ,मरहम लगातार लगाता है 
पर मेरे आँखों से कभी ,अश्क़ न बहने देता है.... |

©Amol M. Bodke

प्रेम कविता मराठी कविता कुमार विश्वास की कविता देशभक्ति कविता Maa पर कविता

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#कविता

कविता कोश मराठी कविता कुमार विश्वास की कविता Kalki हिंदी कविता

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शोभा हूॅं मैं घर आंगन की, क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं। बार बार तुम खींच रहे जो, अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं। पावन सुत्र के मोती धुमिल अब, समस्त यह गांठ ही रह जाएगी। एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी। ©Ritika Vijay Shrivastava

#कविता #swiftbird  शोभा हूॅं मैं घर आंगन की,
क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं।
बार बार तुम खींच रहे जो,
अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं।
पावन सुत्र के मोती धुमिल अब,
समस्त यह गांठ ही रह जाएगी।
एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी।

©Ritika Vijay Shrivastava

#swiftbird कविता हिंदी कविता हिंदी कविता कुमार विश्वास की कविता कविता कोश

15 Love

#कविता #love_shayari  White तेरी जफ़ा को वफ़ा समझता रहा 
दिन डलता रहा और बिखरता रहा....

गर्दिश में छोड़ गयी तू अरमान 
थोड़ी कर दे मुझपर जान कुर्बान 
तू आगे आगे तेरे पीछे फिरता रहा....

तू लाख चाहे जितना मुझे आजमा 
तेरे कदमोंमें सारी खुशियाँ कर दूँ जमा 
तेरी आरजू के लिए आँसू बरसता रहा....

देख बहुत प्यारा लगे तेरा ये संसार 
खोज रहा हूँ मैं अपने जीने के सार 
अपने सुखों के महल को गिरता रहा....

अब कोई नेक नहीं लगता मुझे नग्मा 
बर्दाश्त ना हो मुझे वफ़ा का कोई सदमा 
तेरे दिए जख्मों को मैं खुद कुरेदता रहा.....

©Sangam Pipe Line Wala

#love_shayari कविताएं कविता कुमार विश्वास की कविता प्रेम कविता प्यार पर कविता

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#कविता #outoflove

#outoflove प्यार पर कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी कविता कविता कविताएं

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