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New लिखूं तेरी याद में Status, Photo, Video

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White ऐसा लगता है तू गुज़री है अभी.. तेरी खुश्बू हवा में शामिल है.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY

#तेरी  White ऐसा लगता है तू गुज़री है अभी..

तेरी खुश्बू हवा में शामिल है..


यूसुफ आर खान...

©F M POETRY

#तेरी ख़ुशबु हवा में...

13 Love

जातें शक्ल में छोड़ती कुछ सांसें थी... आंखों से सुनती सांसें.. पलकें झपकाती थीं.., उससे गुज़ारिश कि, शायद सुन ले ज़रा.... सालों हो चुकें... एक झलक दिखा दो ज़रा..!! ©Dev Rishi

#शायरी  जातें शक्ल में छोड़ती कुछ सांसें थी...
आंखों से सुनती सांसें.. पलकें झपकाती थीं..,
उससे गुज़ारिश कि, शायद सुन ले ज़रा....
सालों हो चुकें... एक झलक दिखा दो ज़रा..!!

©Dev Rishi

शेरो शायरी# तेरी याद.. फिर क्यों आई है.!!

12 Love

White शीर्षक - कुछ लिखूं क्या..? मेरा भी शब्द है... कुछ लिखूं क्या घरों के गुनाह है कुछ सुनाई क्या..? रक्तों के संबंध तो नहीं है पर सहोदर है.. आंसू से लतपथ शरीर मौत के घरों में हैं कहती कि अनाथ क्यों रखना.... अपने बच्चों को भी साथ ले मरना....... पर विधाता को ये मंजूर कहां था औरों के घर में खेल ही अलग था... मारे या मारे गये, ये अतिश्योक्ती कहां था मूक-बधिर की तरह, बांधे पशुओं की तरह सहोदर को मार दिया गया रे... समाज... बताओं तुम कहां थे रे.... समाज ....??? ये आंसू कम पर नवजात के आंसू का क्या मां मां खोज रहे अबोध बालक का क्या..? चीख चीखकर कर बोलों, बताओं न रे समाज... हम तो दधिचि बन गये तुम कब बनोगे रे समाज..? मेरे भी शब्द है कुछ लिखूं क्या..... घरों के गुनाह है कुछ सुनाई क्या रे समाज....? ©Dev Rishi

#कविता #love_shayari  White 
शीर्षक - कुछ लिखूं क्या..?


मेरा भी शब्द है... कुछ लिखूं क्या
घरों के गुनाह है कुछ सुनाई क्या..?
रक्तों के संबंध तो नहीं है पर सहोदर है..
आंसू से लतपथ शरीर मौत के घरों में हैं 

कहती कि अनाथ क्यों रखना.... 
अपने बच्चों को भी साथ ले मरना.......
पर विधाता को ये मंजूर कहां था 
औरों के घर में खेल ही अलग था...

मारे या मारे गये, ये अतिश्योक्ती कहां था 
मूक-बधिर की तरह, बांधे पशुओं की तरह 
सहोदर को मार दिया गया रे... समाज...
बताओं तुम कहां थे रे.... समाज ....???

ये आंसू कम पर नवजात के आंसू का क्या 
मां मां खोज रहे अबोध बालक का क्या..?
चीख चीखकर कर बोलों, बताओं न रे समाज...
हम तो दधिचि बन गये तुम कब बनोगे रे समाज..?

मेरे भी शब्द है कुछ लिखूं क्या.....
घरों के  गुनाह है  कुछ सुनाई क्या रे समाज....?

©Dev Rishi

#love_shayari कुछ लिखूं क्या..?

12 Love

White ढलती शामों में उभरती रातों में तेरे खयालों में मेरे जज़्बातों में कुछ सैलाब सा यूँ उमड़ता है; कि बारिशें खुद रो देती हैं... और तूफान खुद थक जाता है... मगर तेरे पास वक्त नहीं न तू खुद आता है ।। ©Himanshi Bharti

#SunSet  White ढलती शामों में उभरती रातों में
तेरे खयालों में मेरे जज़्बातों में
कुछ सैलाब सा यूँ उमड़ता है;

कि बारिशें खुद रो देती हैं...
और तूफान खुद थक जाता है...

मगर तेरे पास वक्त नहीं न तू खुद आता है ।।

©Himanshi Bharti

#SunSet तेरी याद 💌

12 Love

एक चाय, हवाओं और फिज़ाओं में बराबर महसूस होती तुम्हारी मौज़ूदगी.... ! तुम्हारी यादें... तुम्हारे एहसास... इसके सिवा कुछ नहीं होता.. * खास लम्हों में।* ©Pooja Saxena

#कविता  एक चाय, 
हवाओं और फिज़ाओं में 
 बराबर महसूस होती तुम्हारी 
मौज़ूदगी.... ! 
तुम्हारी यादें...
तुम्हारे एहसास...
इसके सिवा कुछ नहीं होता..
  * खास लम्हों में।*

©Pooja Saxena

चाय तेरी याद में..

31 Love

White इतना भीगा नहीं, शहर तेरा । जितना भीगा हूं, मैं तेरी याद में।। ©sukumar

#sad_shayari  White इतना भीगा नहीं, शहर तेरा ।

जितना भीगा हूं, मैं तेरी याद में।।

©sukumar

#sad_shayari तेरी याद मैं 🥺🥺 #sad_shayari

11 Love

White ऐसा लगता है तू गुज़री है अभी.. तेरी खुश्बू हवा में शामिल है.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY

#तेरी  White ऐसा लगता है तू गुज़री है अभी..

तेरी खुश्बू हवा में शामिल है..


यूसुफ आर खान...

©F M POETRY

#तेरी ख़ुशबु हवा में...

13 Love

जातें शक्ल में छोड़ती कुछ सांसें थी... आंखों से सुनती सांसें.. पलकें झपकाती थीं.., उससे गुज़ारिश कि, शायद सुन ले ज़रा.... सालों हो चुकें... एक झलक दिखा दो ज़रा..!! ©Dev Rishi

#शायरी  जातें शक्ल में छोड़ती कुछ सांसें थी...
आंखों से सुनती सांसें.. पलकें झपकाती थीं..,
उससे गुज़ारिश कि, शायद सुन ले ज़रा....
सालों हो चुकें... एक झलक दिखा दो ज़रा..!!

©Dev Rishi

शेरो शायरी# तेरी याद.. फिर क्यों आई है.!!

12 Love

White शीर्षक - कुछ लिखूं क्या..? मेरा भी शब्द है... कुछ लिखूं क्या घरों के गुनाह है कुछ सुनाई क्या..? रक्तों के संबंध तो नहीं है पर सहोदर है.. आंसू से लतपथ शरीर मौत के घरों में हैं कहती कि अनाथ क्यों रखना.... अपने बच्चों को भी साथ ले मरना....... पर विधाता को ये मंजूर कहां था औरों के घर में खेल ही अलग था... मारे या मारे गये, ये अतिश्योक्ती कहां था मूक-बधिर की तरह, बांधे पशुओं की तरह सहोदर को मार दिया गया रे... समाज... बताओं तुम कहां थे रे.... समाज ....??? ये आंसू कम पर नवजात के आंसू का क्या मां मां खोज रहे अबोध बालक का क्या..? चीख चीखकर कर बोलों, बताओं न रे समाज... हम तो दधिचि बन गये तुम कब बनोगे रे समाज..? मेरे भी शब्द है कुछ लिखूं क्या..... घरों के गुनाह है कुछ सुनाई क्या रे समाज....? ©Dev Rishi

#कविता #love_shayari  White 
शीर्षक - कुछ लिखूं क्या..?


मेरा भी शब्द है... कुछ लिखूं क्या
घरों के गुनाह है कुछ सुनाई क्या..?
रक्तों के संबंध तो नहीं है पर सहोदर है..
आंसू से लतपथ शरीर मौत के घरों में हैं 

कहती कि अनाथ क्यों रखना.... 
अपने बच्चों को भी साथ ले मरना.......
पर विधाता को ये मंजूर कहां था 
औरों के घर में खेल ही अलग था...

मारे या मारे गये, ये अतिश्योक्ती कहां था 
मूक-बधिर की तरह, बांधे पशुओं की तरह 
सहोदर को मार दिया गया रे... समाज...
बताओं तुम कहां थे रे.... समाज ....???

ये आंसू कम पर नवजात के आंसू का क्या 
मां मां खोज रहे अबोध बालक का क्या..?
चीख चीखकर कर बोलों, बताओं न रे समाज...
हम तो दधिचि बन गये तुम कब बनोगे रे समाज..?

मेरे भी शब्द है कुछ लिखूं क्या.....
घरों के  गुनाह है  कुछ सुनाई क्या रे समाज....?

©Dev Rishi

#love_shayari कुछ लिखूं क्या..?

12 Love

White ढलती शामों में उभरती रातों में तेरे खयालों में मेरे जज़्बातों में कुछ सैलाब सा यूँ उमड़ता है; कि बारिशें खुद रो देती हैं... और तूफान खुद थक जाता है... मगर तेरे पास वक्त नहीं न तू खुद आता है ।। ©Himanshi Bharti

#SunSet  White ढलती शामों में उभरती रातों में
तेरे खयालों में मेरे जज़्बातों में
कुछ सैलाब सा यूँ उमड़ता है;

कि बारिशें खुद रो देती हैं...
और तूफान खुद थक जाता है...

मगर तेरे पास वक्त नहीं न तू खुद आता है ।।

©Himanshi Bharti

#SunSet तेरी याद 💌

12 Love

एक चाय, हवाओं और फिज़ाओं में बराबर महसूस होती तुम्हारी मौज़ूदगी.... ! तुम्हारी यादें... तुम्हारे एहसास... इसके सिवा कुछ नहीं होता.. * खास लम्हों में।* ©Pooja Saxena

#कविता  एक चाय, 
हवाओं और फिज़ाओं में 
 बराबर महसूस होती तुम्हारी 
मौज़ूदगी.... ! 
तुम्हारी यादें...
तुम्हारे एहसास...
इसके सिवा कुछ नहीं होता..
  * खास लम्हों में।*

©Pooja Saxena

चाय तेरी याद में..

31 Love

White इतना भीगा नहीं, शहर तेरा । जितना भीगा हूं, मैं तेरी याद में।। ©sukumar

#sad_shayari  White इतना भीगा नहीं, शहर तेरा ।

जितना भीगा हूं, मैं तेरी याद में।।

©sukumar

#sad_shayari तेरी याद मैं 🥺🥺 #sad_shayari

11 Love

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