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White ये कब कहती हूॅं मैं कि ग़लतियाॅं ही नहीं करती हूॅं मैं । इंसान हूॅं मैं भी, फ़रिश्ता होने का दावा कहाॅं करती हूॅं मैं?? कोई बता दे मुझे मेरी ग़लतियाॅं, की आख़िर हर बार ही ग़लत कैसे साबित हो जाती हूॅं मैं?? अड़ कर नहीं रहती अपनी ग़लतियों पर बल्कि अपनी ग़लतियों को सर झुका कर मान लेने का हौसला भी रखती हूॅ़ं मैं। लेकिन फ़िर भी ये सवाल सताता है मुझे कि, लोगों की नज़र में हर बार ही ग़लत कैसे साबित हो जाती हूॅं मैं?? #bas yunhi ek khayaal ....... ©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #nojotohindi #galatiyan #basyunhi  White ये कब कहती हूॅं मैं कि 
ग़लतियाॅं ही नहीं करती हूॅं मैं ।
इंसान हूॅं मैं भी, 
फ़रिश्ता होने का दावा कहाॅं करती हूॅं मैं??
कोई बता दे मुझे मेरी ग़लतियाॅं, 
की आख़िर हर बार ही ग़लत कैसे साबित हो जाती हूॅं मैं??
अड़ कर नहीं रहती अपनी ग़लतियों पर 
बल्कि अपनी ग़लतियों को सर झुका कर 
मान लेने का हौसला भी रखती हूॅ़ं मैं।
लेकिन फ़िर भी ये सवाल सताता है मुझे कि,
लोगों की नज़र में हर बार ही 
ग़लत कैसे साबित हो जाती हूॅं मैं??

#bas yunhi ek khayaal .......

©Sh@kila Niy@z
#pratibhacreator #sad_shayari  insaan ki fitrt

#sad_shayari Insaan ki fitrat #pratibhacreator #Nojoto

126 View

White पद्म श्री स्व गोपालदास नीरज जी लिखी हुई कविता: अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए जिस में इंसान को इंसान बनाया जाए जिस की ख़ुश्बू से महक जाए पड़ोसी का भी घर फूल इस क़िस्म का हर सम्त खिलाया जाए आग बहती है यहां गंगा में झेलम में भी कोई बतलाए कहाँ जा के नहाया जाए प्यार का ख़ून हुआ क्यूं ये समझने के लिए हर अंधेरे को उजाले में बुलाया जाए मेरे दुख-दर्द का तुझ पर हो असर कुछ ऐसा मैं रहूं भूखा तो तुझ से भी न खाया जाए जिस्म दो हो के भी दिल एक हों अपने ऐसे मेरा आंसू तेरी पलकों से उठाया जाए गीत उन्मन है ग़ज़ल चुप है रुबाई है दुखी ऐसे माहौल में 'नीरज' को बुलाया जाए ©Deepak Kumar 'Deep'

#Motivational #Insaan  White 

पद्म श्री स्व गोपालदास नीरज जी  लिखी  हुई कविता:

अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए 
जिस में इंसान को इंसान बनाया जाए 

जिस की ख़ुश्बू से महक जाए पड़ोसी का भी घर 
फूल इस क़िस्म का हर सम्त खिलाया जाए 

आग बहती है यहां गंगा में झेलम में भी 
कोई बतलाए कहाँ जा के नहाया जाए 

प्यार का ख़ून हुआ क्यूं ये समझने के लिए 
हर अंधेरे को उजाले में बुलाया जाए 

मेरे दुख-दर्द का तुझ पर हो असर कुछ ऐसा 
मैं रहूं भूखा तो तुझ से भी न खाया जाए 

जिस्म दो हो के भी दिल एक हों अपने ऐसे 
मेरा आंसू तेरी पलकों से उठाया जाए 

गीत उन्मन है ग़ज़ल चुप है रुबाई है दुखी 
ऐसे माहौल में 'नीरज' को बुलाया जाए

©Deepak Kumar 'Deep'

#Insaan ko insaan banaya jaye

17 Love

#शायरी #Insaan  कमियों का पुलिंदा है जिंदगी जानता हूँ 
उम्र रहते उन्हें सुधार लूँ, तो इंसान बन जाऊ

©Kamlesh Kandpal

#Insaan

117 View

#विचार #hpstrange #36gyan

Paisi ki kimat #hpstrange #36gyan

0 View

#Insaan  White Koi jo fakeer hotaa hai

Rooh ka ameer hotaa hai.

Gamon me shareek hataa hai

Rooh se shareef hotaa hai..

©Satyajeet Roy

#Insaan

0 View

White ये कब कहती हूॅं मैं कि ग़लतियाॅं ही नहीं करती हूॅं मैं । इंसान हूॅं मैं भी, फ़रिश्ता होने का दावा कहाॅं करती हूॅं मैं?? कोई बता दे मुझे मेरी ग़लतियाॅं, की आख़िर हर बार ही ग़लत कैसे साबित हो जाती हूॅं मैं?? अड़ कर नहीं रहती अपनी ग़लतियों पर बल्कि अपनी ग़लतियों को सर झुका कर मान लेने का हौसला भी रखती हूॅ़ं मैं। लेकिन फ़िर भी ये सवाल सताता है मुझे कि, लोगों की नज़र में हर बार ही ग़लत कैसे साबित हो जाती हूॅं मैं?? #bas yunhi ek khayaal ....... ©Sh@kila Niy@z

#basekkhayaal #nojotohindi #galatiyan #basyunhi  White ये कब कहती हूॅं मैं कि 
ग़लतियाॅं ही नहीं करती हूॅं मैं ।
इंसान हूॅं मैं भी, 
फ़रिश्ता होने का दावा कहाॅं करती हूॅं मैं??
कोई बता दे मुझे मेरी ग़लतियाॅं, 
की आख़िर हर बार ही ग़लत कैसे साबित हो जाती हूॅं मैं??
अड़ कर नहीं रहती अपनी ग़लतियों पर 
बल्कि अपनी ग़लतियों को सर झुका कर 
मान लेने का हौसला भी रखती हूॅ़ं मैं।
लेकिन फ़िर भी ये सवाल सताता है मुझे कि,
लोगों की नज़र में हर बार ही 
ग़लत कैसे साबित हो जाती हूॅं मैं??

#bas yunhi ek khayaal .......

©Sh@kila Niy@z
#pratibhacreator #sad_shayari  insaan ki fitrt

#sad_shayari Insaan ki fitrat #pratibhacreator #Nojoto

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White पद्म श्री स्व गोपालदास नीरज जी लिखी हुई कविता: अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए जिस में इंसान को इंसान बनाया जाए जिस की ख़ुश्बू से महक जाए पड़ोसी का भी घर फूल इस क़िस्म का हर सम्त खिलाया जाए आग बहती है यहां गंगा में झेलम में भी कोई बतलाए कहाँ जा के नहाया जाए प्यार का ख़ून हुआ क्यूं ये समझने के लिए हर अंधेरे को उजाले में बुलाया जाए मेरे दुख-दर्द का तुझ पर हो असर कुछ ऐसा मैं रहूं भूखा तो तुझ से भी न खाया जाए जिस्म दो हो के भी दिल एक हों अपने ऐसे मेरा आंसू तेरी पलकों से उठाया जाए गीत उन्मन है ग़ज़ल चुप है रुबाई है दुखी ऐसे माहौल में 'नीरज' को बुलाया जाए ©Deepak Kumar 'Deep'

#Motivational #Insaan  White 

पद्म श्री स्व गोपालदास नीरज जी  लिखी  हुई कविता:

अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए 
जिस में इंसान को इंसान बनाया जाए 

जिस की ख़ुश्बू से महक जाए पड़ोसी का भी घर 
फूल इस क़िस्म का हर सम्त खिलाया जाए 

आग बहती है यहां गंगा में झेलम में भी 
कोई बतलाए कहाँ जा के नहाया जाए 

प्यार का ख़ून हुआ क्यूं ये समझने के लिए 
हर अंधेरे को उजाले में बुलाया जाए 

मेरे दुख-दर्द का तुझ पर हो असर कुछ ऐसा 
मैं रहूं भूखा तो तुझ से भी न खाया जाए 

जिस्म दो हो के भी दिल एक हों अपने ऐसे 
मेरा आंसू तेरी पलकों से उठाया जाए 

गीत उन्मन है ग़ज़ल चुप है रुबाई है दुखी 
ऐसे माहौल में 'नीरज' को बुलाया जाए

©Deepak Kumar 'Deep'

#Insaan ko insaan banaya jaye

17 Love

#शायरी #Insaan  कमियों का पुलिंदा है जिंदगी जानता हूँ 
उम्र रहते उन्हें सुधार लूँ, तो इंसान बन जाऊ

©Kamlesh Kandpal

#Insaan

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#विचार #hpstrange #36gyan

Paisi ki kimat #hpstrange #36gyan

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#Insaan  White Koi jo fakeer hotaa hai

Rooh ka ameer hotaa hai.

Gamon me shareek hataa hai

Rooh se shareef hotaa hai..

©Satyajeet Roy

#Insaan

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