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#विचार

गोरखपुर में बारिश

108 View

बारिश की बरसती बूँदों ने जब दस्तक दी दरवाजे पर, महसूस हुआ तुम आए अंदाज़ तुम्हारे जैसे था, हवा के हल्के झोंके ने जब आहट पाई खिड़की पर, महसूस हुआ तुम गुजरे एहसास तुम्हारे जैसा था, मैने गिरती बुंदो को रोकना चाहा हाथो पर, एक सर्द सा फिर एहसास हुआ लमश् तुम्हारे जैसा था, तन्हा मै चला बारिश मे तब एक झोंकों ने साथ दिया, मै समझ तुम हो मेरे साथ वो साथ तुम्हारे जैसा था, फिर रुक गई के बारिश भी रही ना बागी आहटें भी, मै समझा तुम मुझे छोड़ गये अंदाज़ तुम्हारे जैसा था, ©SamEeR “Sam" KhAn

#बारिश  बारिश की बरसती बूँदों ने जब दस्तक दी दरवाजे पर, 
महसूस हुआ तुम आए अंदाज़ तुम्हारे जैसे था,

हवा के हल्के झोंके ने जब आहट पाई खिड़की पर, 
महसूस हुआ तुम गुजरे एहसास तुम्हारे जैसा था,

मैने गिरती बुंदो को रोकना चाहा हाथो पर, 
एक सर्द सा फिर एहसास हुआ लमश् तुम्हारे जैसा था,

तन्हा मै चला बारिश मे तब एक झोंकों ने साथ दिया, 
मै समझ तुम हो मेरे साथ वो साथ तुम्हारे जैसा था,

फिर रुक गई के बारिश भी रही ना बागी आहटें भी, 
मै समझा तुम मुझे छोड़ गये अंदाज़ तुम्हारे जैसा था,

©SamEeR “Sam" KhAn

छपते-छपते रह गया, बचते-बचते बह गया, चश्मदीद था एक अदद, जाते-जाते कह गया, मौत के साये में चुप था, दर्द ज़माने का सह गया, मिट्टी का जर्जर घर था, इस बारिश में ढह गया, छोड़ गया घर-आंगन सूना, मुद्दों से कर सुलह गया, पता ठिकाना बता कोई, जाने कौन सी जगह गया, मिटा गया रंजिशें तमाम, 'गुंजन' लेकर कलह गया, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#शायरी #इस  छपते-छपते  रह  गया, 
बचते-बचते  बह  गया,

चश्मदीद था एक अदद, 
जाते-जाते  कह  गया,

मौत के साये में चुप था, 
दर्द ज़माने का सह गया,

मिट्टी का जर्जर घर था, 
इस बारिश में ढह गया,

छोड़ गया घर-आंगन सूना,
मुद्दों से  कर सुलह गया,

पता ठिकाना  बता कोई, 
जाने कौन सी जगह गया,

मिटा गया रंजिशें  तमाम, 
'गुंजन' लेकर कलह गया,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#इस बारिश में ढह गया#

14 Love

#राजीव #कविता #पहली

#पहली बारिश में #राजीव भारती

153 View

तुम बारिश की वो बूंद हो जिसे हम हर वक्त अपने चेहरे पर महसूस करते है। ©SarkaR

#शायरी #बारिश  तुम बारिश की वो बूंद हो जिसे

हम हर वक्त अपने चेहरे पर महसूस करते है।

©SarkaR
#बारिश #Quotes  White भीगी सी जिंदगानी में 
 वो बारिश की बूंदों सा पानी 
महक वो गीली मिट्टी की 
बचपन में नाव थी चलानी 
एक शोर फिर सुनसान सा रोड 
चारो तरफ बरसने का जोर

©saloni toke alfazon ki khumari
#विचार

गोरखपुर में बारिश

108 View

बारिश की बरसती बूँदों ने जब दस्तक दी दरवाजे पर, महसूस हुआ तुम आए अंदाज़ तुम्हारे जैसे था, हवा के हल्के झोंके ने जब आहट पाई खिड़की पर, महसूस हुआ तुम गुजरे एहसास तुम्हारे जैसा था, मैने गिरती बुंदो को रोकना चाहा हाथो पर, एक सर्द सा फिर एहसास हुआ लमश् तुम्हारे जैसा था, तन्हा मै चला बारिश मे तब एक झोंकों ने साथ दिया, मै समझ तुम हो मेरे साथ वो साथ तुम्हारे जैसा था, फिर रुक गई के बारिश भी रही ना बागी आहटें भी, मै समझा तुम मुझे छोड़ गये अंदाज़ तुम्हारे जैसा था, ©SamEeR “Sam" KhAn

#बारिश  बारिश की बरसती बूँदों ने जब दस्तक दी दरवाजे पर, 
महसूस हुआ तुम आए अंदाज़ तुम्हारे जैसे था,

हवा के हल्के झोंके ने जब आहट पाई खिड़की पर, 
महसूस हुआ तुम गुजरे एहसास तुम्हारे जैसा था,

मैने गिरती बुंदो को रोकना चाहा हाथो पर, 
एक सर्द सा फिर एहसास हुआ लमश् तुम्हारे जैसा था,

तन्हा मै चला बारिश मे तब एक झोंकों ने साथ दिया, 
मै समझ तुम हो मेरे साथ वो साथ तुम्हारे जैसा था,

फिर रुक गई के बारिश भी रही ना बागी आहटें भी, 
मै समझा तुम मुझे छोड़ गये अंदाज़ तुम्हारे जैसा था,

©SamEeR “Sam" KhAn

छपते-छपते रह गया, बचते-बचते बह गया, चश्मदीद था एक अदद, जाते-जाते कह गया, मौत के साये में चुप था, दर्द ज़माने का सह गया, मिट्टी का जर्जर घर था, इस बारिश में ढह गया, छोड़ गया घर-आंगन सूना, मुद्दों से कर सुलह गया, पता ठिकाना बता कोई, जाने कौन सी जगह गया, मिटा गया रंजिशें तमाम, 'गुंजन' लेकर कलह गया, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#शायरी #इस  छपते-छपते  रह  गया, 
बचते-बचते  बह  गया,

चश्मदीद था एक अदद, 
जाते-जाते  कह  गया,

मौत के साये में चुप था, 
दर्द ज़माने का सह गया,

मिट्टी का जर्जर घर था, 
इस बारिश में ढह गया,

छोड़ गया घर-आंगन सूना,
मुद्दों से  कर सुलह गया,

पता ठिकाना  बता कोई, 
जाने कौन सी जगह गया,

मिटा गया रंजिशें  तमाम, 
'गुंजन' लेकर कलह गया,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#इस बारिश में ढह गया#

14 Love

#राजीव #कविता #पहली

#पहली बारिश में #राजीव भारती

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तुम बारिश की वो बूंद हो जिसे हम हर वक्त अपने चेहरे पर महसूस करते है। ©SarkaR

#शायरी #बारिश  तुम बारिश की वो बूंद हो जिसे

हम हर वक्त अपने चेहरे पर महसूस करते है।

©SarkaR
#बारिश #Quotes  White भीगी सी जिंदगानी में 
 वो बारिश की बूंदों सा पानी 
महक वो गीली मिट्टी की 
बचपन में नाव थी चलानी 
एक शोर फिर सुनसान सा रोड 
चारो तरफ बरसने का जोर

©saloni toke alfazon ki khumari
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