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White याद तुम्हारी यादों को दिल में, जगह दी है, एक अधूरी कहानी में, नयी वजह दी है। मेरी चाहत, जिसे मैं, छोड़ आया था, उस चाहत का एक नयी मंजिल दी है।। मुस्कुराना जरूर, फिर जब मिलेंगे, नफरत करना जरूर, फिर जब मिलेंगे। मैं एक तरफ़ा चाहत रखा था, उस चाहत , उस मोहब्बत से, वक्त आने पर, निगाह हम करेंगे ।। ता उम्र, मोहब्बत की जेल में कैद हम रहेंगे, तुम आना मत, हमारे पास, हम तन्हा होके, तेरे इश्क में इस कदर जी लेंगे। खड़ी रहेगी मोहब्बत रास्ते पर, फिर भी नज़र अंदाज़ कर जायेंगे!! लेखक ; विजय सर जी ©Vijay Kumar

#कविता #Sad_Status  White याद 


तुम्हारी यादों को दिल में, जगह दी है, 
एक अधूरी कहानी में, नयी वजह दी है। 
मेरी चाहत, जिसे मैं,  छोड़ आया था, 
उस चाहत का एक नयी मंजिल दी  है।। 

मुस्कुराना जरूर, फिर जब मिलेंगे, 
नफरत करना जरूर, फिर जब मिलेंगे। 
मैं एक तरफ़ा चाहत रखा था, 
उस चाहत , उस मोहब्बत से, 
वक्त आने पर, निगाह हम करेंगे  ।। 

ता उम्र, मोहब्बत की जेल में  कैद हम रहेंगे, 
तुम आना मत, हमारे पास, हम तन्हा होके, 
तेरे इश्क में इस कदर जी लेंगे। 
खड़ी रहेगी मोहब्बत रास्ते पर, फिर भी नज़र अंदाज़ कर जायेंगे!! 

लेखक ; विजय सर जी

©Vijay Kumar

#Sad_Status , प्यार पर कविता याद हिंदी कविता लेखक : विजय सर जी

11 Love

White सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...| कब तक आस लगाओगी तुम, बिक़े हुए अखबारों से, कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं वे क्या लाज बचाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंग...l कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे, किसको क्या समझाएँगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...l ©Prakash writer05

#मोटिवेशनल  White सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, 
अब गोविंद ना आएंगे...l

छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाए बैठे शकुनि,
मस्तक सब बिक जाएंगे

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, 
अब गोविंद ना आएंगे...|

कब तक आस लगाओगी तुम, 
बिक़े हुए अखबारों से,

कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से
स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं

वे क्या लाज बचाएंगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंग...l

कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है
होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है

तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे,
किसको क्या समझाएँगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...l

©Prakash writer05

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जा

16 Love

#Quotes

अपनी लेखनी अपनी वार्ता लेखक भगत सतीश कुमार घोडेला

171 View

#किताब #विचार #जीवन #लेखक  ......,..nbbvjghvhhvh

©CalmKrishna

लेखक के जीवन का सार होती हैं किताबें। #जीवन #किताब #लेखक सुविचार इन हिंदी हिंदी छोटे सुविचार आज का विचार बेस्ट सुविचार अच्छे विचार फोटो

153 View

गम की दौल़त मुफ़्त लुटा दूं बिल्कुल नहीं, अश्कों में यह दर्द बहा दुं बिल्कुल नहीं; तूने तो औका़त दिखा दी है अपनी, मैं अपना मयाऱ गिरा दूं बिल्कुल नहीं।। अज्ञात 🔭 . ©- चाणक्य (के अनकहे लफ्ज़)

#कविता #PhisaltaSamay #लेखक #story  गम की दौल़त मुफ़्त लुटा दूं बिल्कुल नहीं,
अश्कों में यह दर्द बहा दुं बिल्कुल नहीं;


तूने तो औका़त दिखा दी है अपनी,
मैं अपना मयाऱ गिरा दूं बिल्कुल नहीं।।
 अज्ञात 🔭











.

©- चाणक्य (के अनकहे लफ्ज़)
#अजहर_इकबाल #शायरी #लेखक #Azhar_Iqbal #likhnewala  White एक मुद्दत से है सफ़र में हम,
घर में रहकर भी बेघर है हम।
–अज़हर ‘ इक़बाल ’

©Sumeet Kumar

White याद तुम्हारी यादों को दिल में, जगह दी है, एक अधूरी कहानी में, नयी वजह दी है। मेरी चाहत, जिसे मैं, छोड़ आया था, उस चाहत का एक नयी मंजिल दी है।। मुस्कुराना जरूर, फिर जब मिलेंगे, नफरत करना जरूर, फिर जब मिलेंगे। मैं एक तरफ़ा चाहत रखा था, उस चाहत , उस मोहब्बत से, वक्त आने पर, निगाह हम करेंगे ।। ता उम्र, मोहब्बत की जेल में कैद हम रहेंगे, तुम आना मत, हमारे पास, हम तन्हा होके, तेरे इश्क में इस कदर जी लेंगे। खड़ी रहेगी मोहब्बत रास्ते पर, फिर भी नज़र अंदाज़ कर जायेंगे!! लेखक ; विजय सर जी ©Vijay Kumar

#कविता #Sad_Status  White याद 


तुम्हारी यादों को दिल में, जगह दी है, 
एक अधूरी कहानी में, नयी वजह दी है। 
मेरी चाहत, जिसे मैं,  छोड़ आया था, 
उस चाहत का एक नयी मंजिल दी  है।। 

मुस्कुराना जरूर, फिर जब मिलेंगे, 
नफरत करना जरूर, फिर जब मिलेंगे। 
मैं एक तरफ़ा चाहत रखा था, 
उस चाहत , उस मोहब्बत से, 
वक्त आने पर, निगाह हम करेंगे  ।। 

ता उम्र, मोहब्बत की जेल में  कैद हम रहेंगे, 
तुम आना मत, हमारे पास, हम तन्हा होके, 
तेरे इश्क में इस कदर जी लेंगे। 
खड़ी रहेगी मोहब्बत रास्ते पर, फिर भी नज़र अंदाज़ कर जायेंगे!! 

लेखक ; विजय सर जी

©Vijay Kumar

#Sad_Status , प्यार पर कविता याद हिंदी कविता लेखक : विजय सर जी

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White सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...| कब तक आस लगाओगी तुम, बिक़े हुए अखबारों से, कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं वे क्या लाज बचाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंग...l कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे, किसको क्या समझाएँगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...l ©Prakash writer05

#मोटिवेशनल  White सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, 
अब गोविंद ना आएंगे...l

छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाए बैठे शकुनि,
मस्तक सब बिक जाएंगे

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, 
अब गोविंद ना आएंगे...|

कब तक आस लगाओगी तुम, 
बिक़े हुए अखबारों से,

कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से
स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं

वे क्या लाज बचाएंगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंग...l

कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है
होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है

तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे,
किसको क्या समझाएँगे
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...l

©Prakash writer05

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जा

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#Quotes

अपनी लेखनी अपनी वार्ता लेखक भगत सतीश कुमार घोडेला

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#किताब #विचार #जीवन #लेखक  ......,..nbbvjghvhhvh

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लेखक के जीवन का सार होती हैं किताबें। #जीवन #किताब #लेखक सुविचार इन हिंदी हिंदी छोटे सुविचार आज का विचार बेस्ट सुविचार अच्छे विचार फोटो

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गम की दौल़त मुफ़्त लुटा दूं बिल्कुल नहीं, अश्कों में यह दर्द बहा दुं बिल्कुल नहीं; तूने तो औका़त दिखा दी है अपनी, मैं अपना मयाऱ गिरा दूं बिल्कुल नहीं।। अज्ञात 🔭 . ©- चाणक्य (के अनकहे लफ्ज़)

#कविता #PhisaltaSamay #लेखक #story  गम की दौल़त मुफ़्त लुटा दूं बिल्कुल नहीं,
अश्कों में यह दर्द बहा दुं बिल्कुल नहीं;


तूने तो औका़त दिखा दी है अपनी,
मैं अपना मयाऱ गिरा दूं बिल्कुल नहीं।।
 अज्ञात 🔭











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©- चाणक्य (के अनकहे लफ्ज़)
#अजहर_इकबाल #शायरी #लेखक #Azhar_Iqbal #likhnewala  White एक मुद्दत से है सफ़र में हम,
घर में रहकर भी बेघर है हम।
–अज़हर ‘ इक़बाल ’

©Sumeet Kumar
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