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New ईंटें मनके और अस्थियां Status, Photo, Video

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इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा , लालची स्वभाव , नास्तिक व्यवहार , असत्य ,झूठ , अपशब्द , दुष्टता, यह सब नरक के द्वार खोलते हैं और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं ©person

#Motivational  इस कलयुग में 
मनुष्य ही 
असुर हैं और आसुरी भी
मन के भाव और भावनाएं दूषित हो 
तो नकारात्मक सोच 
और विकार ग्रसित कर देती हैं 
मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य 
स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा ,
लालची स्वभाव ,
नास्तिक व्यवहार ,
असत्य ,झूठ ,
अपशब्द , दुष्टता,
यह सब नरक  के द्वार खोलते हैं 
और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं

©person

इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके

10 Love

#मोटिवेशनल

waqt और dolat

171 View

#विचार  आज उसने चांद पर 
फूलों की माला डाली 
और तस्वीर मुझे भेज दी 
अब बताओ जलाया 
या सपना दिखाया।।

©Mohan Sardarshahari

चांद और माला

117 View

#लव #आप  जब कभी हो सामनाआपका और हमारा,

संभव है न हो सकेबात एक-दूसरे से,

न पूछ सकें दिल का हाल भी किसी से,

न बाँट सकें गम,न कर सकें आँखे नम,

पर जब भी मिले स्वागत कर सकें एक दूसरे का

उसी चिर-परिचित मुस्कान के साथ,

चल सकें साथ कदम दो कदम,
इतनी तो एहतियात बनाएँ रखें आप और हम……!!!

©Minesh chauhan

#आप और हम

126 View

#शायरी  White …और एक दिन 
हम अपनी सारी तकलीफ़ों,
परेशानियों और दुःखों के साथ
जीना ही नहीं.. 
मुस्कुराना भी सीख जाते हैं…!!

©हिमांशु Kulshreshtha

और.. एक दिन

225 View

#शायरी  White बइमान आज बेइमानी किया करते हैं ईमान समझकर
बइमान स्वार्थ को पूजते हैं सबसे बड़ा भगवान समझकर।
जिनके फितरत मे है फरेब वो किससे वफा कर सकता है
वो अपनों तक का खून पी जाते हैं
जैसे कोइ जाम समझकर।।

©अमित कुमार

ईमान और स्वार्थ

126 View

इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा , लालची स्वभाव , नास्तिक व्यवहार , असत्य ,झूठ , अपशब्द , दुष्टता, यह सब नरक के द्वार खोलते हैं और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं ©person

#Motivational  इस कलयुग में 
मनुष्य ही 
असुर हैं और आसुरी भी
मन के भाव और भावनाएं दूषित हो 
तो नकारात्मक सोच 
और विकार ग्रसित कर देती हैं 
मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य 
स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा ,
लालची स्वभाव ,
नास्तिक व्यवहार ,
असत्य ,झूठ ,
अपशब्द , दुष्टता,
यह सब नरक  के द्वार खोलते हैं 
और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं

©person

इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके

10 Love

#मोटिवेशनल

waqt और dolat

171 View

#विचार  आज उसने चांद पर 
फूलों की माला डाली 
और तस्वीर मुझे भेज दी 
अब बताओ जलाया 
या सपना दिखाया।।

©Mohan Sardarshahari

चांद और माला

117 View

#लव #आप  जब कभी हो सामनाआपका और हमारा,

संभव है न हो सकेबात एक-दूसरे से,

न पूछ सकें दिल का हाल भी किसी से,

न बाँट सकें गम,न कर सकें आँखे नम,

पर जब भी मिले स्वागत कर सकें एक दूसरे का

उसी चिर-परिचित मुस्कान के साथ,

चल सकें साथ कदम दो कदम,
इतनी तो एहतियात बनाएँ रखें आप और हम……!!!

©Minesh chauhan

#आप और हम

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#शायरी  White …और एक दिन 
हम अपनी सारी तकलीफ़ों,
परेशानियों और दुःखों के साथ
जीना ही नहीं.. 
मुस्कुराना भी सीख जाते हैं…!!

©हिमांशु Kulshreshtha

और.. एक दिन

225 View

#शायरी  White बइमान आज बेइमानी किया करते हैं ईमान समझकर
बइमान स्वार्थ को पूजते हैं सबसे बड़ा भगवान समझकर।
जिनके फितरत मे है फरेब वो किससे वफा कर सकता है
वो अपनों तक का खून पी जाते हैं
जैसे कोइ जाम समझकर।।

©अमित कुमार

ईमान और स्वार्थ

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