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New ठहरे हुए पानी में कंकर Status, Photo, Video

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एक सम्मान उसे जिससे रिश्ता रहा हमारा सुबह के अभिवादन का चैत की दोपहरी मे एक ग्लास पानी पिलाने का चेहरे उदासी क़ो पहली नजर मे पढ़ लेने का चौक डस्टर या फिर जरुरी फ़ाइल क़ो पहुंचाने का थे उनसे हमारे भी वादे सालो गुजारें रिश्तो क़ो निभाने का हम उऋण नहीं हुए हो भी नहीं सकते कर्ज से लेकिन एक फर्ज तो बनता था सो रत्ती भर सही निभाया हां बस निभाया ©ranjit Kumar rathour

#कविता  एक सम्मान उसे 
जिससे रिश्ता रहा हमारा 
सुबह के अभिवादन का 
चैत की दोपहरी मे 
एक ग्लास पानी पिलाने का 
चेहरे उदासी क़ो 
पहली नजर मे पढ़ लेने का 
चौक डस्टर या फिर 
जरुरी फ़ाइल क़ो पहुंचाने का 
थे उनसे हमारे भी वादे 
सालो गुजारें रिश्तो क़ो निभाने का
हम उऋण नहीं हुए 
हो भी नहीं सकते कर्ज से 
लेकिन एक फर्ज तो बनता था 
सो रत्ती भर सही निभाया 
हां बस निभाया

©ranjit Kumar rathour

एक ग्लास पानी

13 Love

#मोटिवेशनल

पानी ही पानी जमीन फटकार निकल गया

99 View

#वीडियो

आरती में शामिल हुए सैकड़ो श्रद्धालु

63 View

#SAD

👍🌱करम पर्व में नाचते हुए Ladies Dance😎

144 View

White कुण्डलियाँ कंकर-कंकर में वही , शंकर जिनका नाम । देवों के वह देव हैं , घट-घट उनका धाम ।। घट-घट उनका धाम , वही देखो अविनाशी । नगर बसाये एक , नाम जिसका है काशी ।। करो अर्घ्य स्वीकार, कहाँ हो हे शिवशंकर । हम तो जाने आप , बसे हो कंकर-कंकर ।। भोले बाबा आज तो , आओ घर मजदूर । खोज-खोज हम थक गये , हुए आज मजबूर ।। हुए आज मजबूर , कहाँ हो बाबा नन्दी । तुम बतलाओ आज , सोच क्या अपनी गन्दी ।। हम तो उनके भक्त , नाम शिव-शिव ही बोले । पर हमसे ही रूष्ट , छुपे बैठे हैं भोले ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White कुण्डलियाँ

कंकर-कंकर में वही , शंकर जिनका नाम ।
देवों के वह देव हैं , घट-घट उनका धाम ।।
घट-घट उनका धाम , वही देखो अविनाशी ।
नगर बसाये एक , नाम जिसका है काशी ।।
करो अर्घ्य स्वीकार, कहाँ हो हे शिवशंकर ।
हम तो जाने आप , बसे हो कंकर-कंकर ।।

भोले बाबा आज तो , आओ घर मजदूर ।
खोज-खोज हम थक गये , हुए आज मजबूर ।।
हुए आज मजबूर , कहाँ हो बाबा नन्दी ।
तुम बतलाओ आज , सोच क्या अपनी गन्दी ।।
हम तो उनके भक्त , नाम शिव-शिव ही बोले ।
पर हमसे ही रूष्ट , छुपे बैठे हैं भोले ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

कुण्डलियाँ कंकर-कंकर में वही , शंकर जिनका नाम । देवों के वह देव हैं , घट-घट उनका धाम ।। घट-घट उनका धाम , वही देखो अविनाशी ।

12 Love

#वीडियो #बीजेपी

#बीजेपी का विकास बह गया बारिस के पानी में

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एक सम्मान उसे जिससे रिश्ता रहा हमारा सुबह के अभिवादन का चैत की दोपहरी मे एक ग्लास पानी पिलाने का चेहरे उदासी क़ो पहली नजर मे पढ़ लेने का चौक डस्टर या फिर जरुरी फ़ाइल क़ो पहुंचाने का थे उनसे हमारे भी वादे सालो गुजारें रिश्तो क़ो निभाने का हम उऋण नहीं हुए हो भी नहीं सकते कर्ज से लेकिन एक फर्ज तो बनता था सो रत्ती भर सही निभाया हां बस निभाया ©ranjit Kumar rathour

#कविता  एक सम्मान उसे 
जिससे रिश्ता रहा हमारा 
सुबह के अभिवादन का 
चैत की दोपहरी मे 
एक ग्लास पानी पिलाने का 
चेहरे उदासी क़ो 
पहली नजर मे पढ़ लेने का 
चौक डस्टर या फिर 
जरुरी फ़ाइल क़ो पहुंचाने का 
थे उनसे हमारे भी वादे 
सालो गुजारें रिश्तो क़ो निभाने का
हम उऋण नहीं हुए 
हो भी नहीं सकते कर्ज से 
लेकिन एक फर्ज तो बनता था 
सो रत्ती भर सही निभाया 
हां बस निभाया

©ranjit Kumar rathour

एक ग्लास पानी

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#मोटिवेशनल

पानी ही पानी जमीन फटकार निकल गया

99 View

#वीडियो

आरती में शामिल हुए सैकड़ो श्रद्धालु

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#SAD

👍🌱करम पर्व में नाचते हुए Ladies Dance😎

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White कुण्डलियाँ कंकर-कंकर में वही , शंकर जिनका नाम । देवों के वह देव हैं , घट-घट उनका धाम ।। घट-घट उनका धाम , वही देखो अविनाशी । नगर बसाये एक , नाम जिसका है काशी ।। करो अर्घ्य स्वीकार, कहाँ हो हे शिवशंकर । हम तो जाने आप , बसे हो कंकर-कंकर ।। भोले बाबा आज तो , आओ घर मजदूर । खोज-खोज हम थक गये , हुए आज मजबूर ।। हुए आज मजबूर , कहाँ हो बाबा नन्दी । तुम बतलाओ आज , सोच क्या अपनी गन्दी ।। हम तो उनके भक्त , नाम शिव-शिव ही बोले । पर हमसे ही रूष्ट , छुपे बैठे हैं भोले ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White कुण्डलियाँ

कंकर-कंकर में वही , शंकर जिनका नाम ।
देवों के वह देव हैं , घट-घट उनका धाम ।।
घट-घट उनका धाम , वही देखो अविनाशी ।
नगर बसाये एक , नाम जिसका है काशी ।।
करो अर्घ्य स्वीकार, कहाँ हो हे शिवशंकर ।
हम तो जाने आप , बसे हो कंकर-कंकर ।।

भोले बाबा आज तो , आओ घर मजदूर ।
खोज-खोज हम थक गये , हुए आज मजबूर ।।
हुए आज मजबूर , कहाँ हो बाबा नन्दी ।
तुम बतलाओ आज , सोच क्या अपनी गन्दी ।।
हम तो उनके भक्त , नाम शिव-शिव ही बोले ।
पर हमसे ही रूष्ट , छुपे बैठे हैं भोले ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

कुण्डलियाँ कंकर-कंकर में वही , शंकर जिनका नाम । देवों के वह देव हैं , घट-घट उनका धाम ।। घट-घट उनका धाम , वही देखो अविनाशी ।

12 Love

#वीडियो #बीजेपी

#बीजेपी का विकास बह गया बारिस के पानी में

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