Motherhood day
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#SaferMotherHoodDay #कविता #nojotoshayari #hindishayari #nojotokavita  #SaferMotherHoodDay मेरी मुसीबत मेरी माँ की उलझन है यारों,

दर्द होता है उसकी आँखों में जब मेरा एक आँसू गिरता है।


इतना भी ठीक था अगर मुनासिब होता तो,

गिरती है वो जब मेरा पाँव फिसलता है।

©Rangmanch Bharat

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#SaferMotherHoodDay  #SaferMotherHoodDay आज मै कुछ कहना चाहता हूँ 
अपने दर्द को बयां करना चाहता हूँ 
अपनी माँ से लिपटकर रोना चाहता हूँ 
उस ममता के आँचल में सोना चाहता हूँ 
मुझे थोड़ा जीने की और मोहलत देदे मालिक 
मैं अपना बचपन फिरसे जीना चाहता हूँ 


                                             लेखक 
                                             विजयलाल कागे

©vijaylal kage
#SaferMotherHoodDay #कविता #nojotohindi #Wholeworld #maa  #SaferMotherHoodDay दिल घबराया लब थरथराये 
मुँह से बस एक नाम ही आए
माँ......
हर ज़ख्म घाव भर देती है 
माँ की फूँक ऐसा असर देती है....
मखमली, आलीशान गद्देदार बिस्तर 
भी क्या आराम दें 
माँ के आँचल की छाँव जो 
राहत देती है....
घर में सुकून है माँ के होने से 
हर दिन की शुरुआत उससे होती है 
वो खुश होती है तो लगता है 
चारों धामों के दर्शन हो गए...
मेरे जीवन के सब ऐश ओ आराम मिल गए 
माँ तेरे चरणों में दोनों जहां पा लिए.....
Love u lot mumma❤️😘🫂....

©Moksha

#SaferMotherHoodDay #maa #love #Wholeworld #poetry #Shayari #Nojoto #nojotohindi

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#SaferMotherHoodDay 🥰❣️🥰 सब कह रहे है आज माँ का दिन है हम कह रहे है....।। कि ऐसा कौन सा दिन है जो माँ के बिना है.. 💯👍💯 ©Thakur ji sanatani 3212

#SaferMotherHoodDay #शायरी  #SaferMotherHoodDay 🥰❣️🥰
सब कह रहे है आज माँ का दिन है
हम कह रहे है....।। कि 
ऐसा कौन सा दिन है जो माँ के बिना है..
💯👍💯

©Thakur ji sanatani 3212

#SaferMotherHoodDay "मां के चरण" मां के छूता जो भी मनुष्य नित चरण उस जीवन से बुरी बलाओं का गमन उस जीवन मे नित रहता,खुशी आगमन यह में नही,ईश्वर कहता,सुनो सब सज्जन मातृ चरण रज के आगे फीका,स्वर्ग भ्रमण मातृ गोदी में समाये,तीनों लोक,14 भुवन मां का करो वंदन,जीवन महकेगा जैसे चंदन ईश्वर दरबार मे भी होता मां का नित वंदन मां का ईश्वर के ही रूप मे ही हुआ है,सृजन आओ अपनी,मां को हम सब ही करे,नमन मां ही देती है,हम सबको एक नया,जीवन मां का कर्ज कभी न उतार सकता,कोई जन मां के दूध से ही बना,हम सबका यह तन मां के छुता जो भी मनुष्य नित चरण उसके बुरे वक्त का शूल बन जाता,सुमन पतझड़ भरे जीवन मे आ जाता है,सावन जिसके पास हो,मां रूपी ममतामयी मन स्वार्थी दुनिया मे,मां एकमात्र ऐसी जन निःस्वार्थ रूप से संतान का करे पालन मां को एकदिन नही,हर क्षण करे,अर्पण जिनके कारण ही हमें मिला,यह जीवन आओ आज से हम सब ले,यह संकल्प कुछ भी हो,कभी न भेजेंगे मां को,वृद्धाश्रम विजय कुमार पाराशर-"साखी" ©Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

#SaferMotherHoodDay #कविता  #SaferMotherHoodDay "मां के चरण"
मां के छूता जो भी मनुष्य नित चरण
उस जीवन से बुरी बलाओं का गमन
उस जीवन मे नित रहता,खुशी आगमन
यह में नही,ईश्वर कहता,सुनो सब सज्जन
मातृ चरण रज के आगे फीका,स्वर्ग भ्रमण
मातृ गोदी में समाये,तीनों लोक,14 भुवन
मां का करो वंदन,जीवन महकेगा जैसे चंदन
ईश्वर दरबार मे भी होता मां का नित वंदन
मां का ईश्वर के ही रूप मे ही हुआ है,सृजन
आओ अपनी,मां को हम सब ही करे,नमन
मां ही देती है,हम सबको एक नया,जीवन
मां का कर्ज कभी न उतार सकता,कोई जन
मां के दूध से ही बना,हम सबका यह तन
मां के छुता जो भी मनुष्य नित चरण
उसके बुरे वक्त का शूल बन जाता,सुमन
पतझड़ भरे जीवन मे आ जाता है,सावन
जिसके पास हो,मां रूपी ममतामयी मन
स्वार्थी दुनिया मे,मां एकमात्र ऐसी जन
निःस्वार्थ रूप से संतान का करे पालन
मां को एकदिन नही,हर क्षण करे,अर्पण
जिनके कारण ही हमें मिला,यह जीवन
आओ आज से हम सब ले,यह संकल्प
कुछ भी हो,कभी न भेजेंगे मां को,वृद्धाश्रम
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

#SaferMotherHoodDay "मां के चरण" मां के छूता जो भी मनुष्य नित चरण उस जीवन से बुरी बलाओं का गमन उस जीवन मे नित रहता,खुशी आगमन यह में नही,ईश्वर कहता,सुनो सब सज्जन मातृ चरण रज के आगे फीका,स्वर्ग भ्रमण मातृ गोदी में समाये,तीनों लोक,14 भुवन मां का करो वंदन,जीवन महकेगा जैसे चंदन ईश्वर दरबार मे भी होता मां का नित वंदन मां का ईश्वर के ही रूप मे ही हुआ है,सृजन आओ अपनी,मां को हम सब ही करे,नमन मां ही देती है,हम सबको एक नया,जीवन मां का कर्ज कभी न उतार सकता,कोई जन मां के दूध से ही बना,हम सबका यह तन मां के छुता जो भी मनुष्य नित चरण उसके बुरे वक्त का शूल बन जाता,सुमन पतझड़ भरे जीवन मे आ जाता है,सावन जिसके पास हो,मां रूपी ममतामयी मन स्वार्थी दुनिया मे,मां एकमात्र ऐसी जन निःस्वार्थ रूप से संतान का करे पालन मां को एकदिन नही,हर क्षण करे,अर्पण जिनके कारण ही हमें मिला,यह जीवन आओ आज से हम सब ले,यह संकल्प कुछ भी हो,कभी न भेजेंगे मां को,वृद्धाश्रम विजय कुमार पाराशर-"साखी" ©Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

#SaferMotherHoodDay #कविता  #SaferMotherHoodDay "मां के चरण"
मां के छूता जो भी मनुष्य नित चरण
उस जीवन से बुरी बलाओं का गमन
उस जीवन मे नित रहता,खुशी आगमन
यह में नही,ईश्वर कहता,सुनो सब सज्जन
मातृ चरण रज के आगे फीका,स्वर्ग भ्रमण
मातृ गोदी में समाये,तीनों लोक,14 भुवन
मां का करो वंदन,जीवन महकेगा जैसे चंदन
ईश्वर दरबार मे भी होता मां का नित वंदन
मां का ईश्वर के ही रूप मे ही हुआ है,सृजन
आओ अपनी,मां को हम सब ही करे,नमन
मां ही देती है,हम सबको एक नया,जीवन
मां का कर्ज कभी न उतार सकता,कोई जन
मां के दूध से ही बना,हम सबका यह तन
मां के छुता जो भी मनुष्य नित चरण
उसके बुरे वक्त का शूल बन जाता,सुमन
पतझड़ भरे जीवन मे आ जाता है,सावन
जिसके पास हो,मां रूपी ममतामयी मन
स्वार्थी दुनिया मे,मां एकमात्र ऐसी जन
निःस्वार्थ रूप से संतान का करे पालन
मां को एकदिन नही,हर क्षण करे,अर्पण
जिनके कारण ही हमें मिला,यह जीवन
आओ आज से हम सब ले,यह संकल्प
कुछ भी हो,कभी न भेजेंगे मां को,वृद्धाश्रम
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी"
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