इन शब्दों पर लिखें अपनी दिल की बात
#KabTak #LifeQ
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#Music #story #spr  हमे बदलने का हक है
पर बदलेंगे नहीं।
हमे बदलने का हक है
पर बदलेंगे नहीं।। 🤗
क्योंकि..
बिना अल्फाज के कोई किसी
के साथ रह सकता है।
👍😜🤪

©Sudhir Yadav

#Music #Love #spr #story @Rani Singh

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कब तक आसुं बहाओगे समझाओगे कब तक इस दिल को । ये मानेगा तो नहीं फिर क्यूँ आस लगाओगे ।। अगर है तकदीर में प्यार तुम्हारे तुम कभी उसे रोक नहीं पाओगे ।। ©Rama Goswami

#कविता  कब तक आसुं बहाओगे
समझाओगे कब तक इस दिल को ।

ये मानेगा तो नहीं फिर 
क्यूँ आस लगाओगे ।।

अगर  है तकदीर में प्यार तुम्हारे 
 तुम कभी उसे रोक नहीं पाओगे ।।

©Rama Goswami

कब तक आसुं बहाओगे समझाओगे कब तक इस दिल को । ये मानेगा तो नहीं फिर क्यूँ आस लगाओगे ।। अगर है तकदीर में प्यार तुम्हारे तुम कभी उसे रोक नहीं पाओगे ।। ©Rama Goswami

11 Love

#कविता  Kab tak hai zindagi 
jab tak sangharsh karna hai

Tab tak manjil na mile 
jab tak aage  badna hi hai

Jab tak saanse na ruke
mere dost
 tab tak safar karna hi hai

©Rama Goswami

Kab tak hai zindagi jab tak sangharsh karna hai Tab tak manjil na mile jab tak aage badna hi hai Jab tak saanse na ruke mere dost tab tak safar karna hi hai ©Rama Goswami

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अपनों की गलती छुपाने के लिए चुप रहोगे।। ©Vidushi Sarita Gupta

#कब_तक  अपनों की गलती
छुपाने के लिए चुप रहोगे।।

©Vidushi Sarita Gupta

शीर्षक-"संवेदना" पूछ रहा यह जीवन तुझसे तेरी कहां गई "संवेदना", "धरा" यहीं है ,लोग वही हैं देह वही है ,नेह नहीं है क्यूँ मीट रही है भावना ! दी "जिन्दगी" जिसने तुझको उसका ना परवाह किया, मंदिर-मंदिर घूम रहा तू "उसको" रोता छोड़ दिया क्या यही है तेरी आराधना! तुझे खिलाने की खातिर कई कई दिन जिसने उपवास किया, तू खोया है रंगीन नजारों में "उन्हें" घर में ही वनवास दिया क्या तुम्हीं थे उनकी कल्पना! फर्क नहीं पड़ता है तुझको जब "ममता" छुपकर रोती है, देख तेरी इस निष्ठुरता को कुदरत की आह निकलती है क्या होती नहीं तुझे वेदना! रिश्तों से "रस" सूख गया जीवन बन गई है "बेज़ान" सी, व्यर्थ हुये सब लहू के नाते जो लगती है अंजान सी क्या यही थी उनकी कामना! विस्मित हैं भगवान भी अब इंसान तेरी करतूत से, जन्म का मोल चुनेगा कैसे तुझ जैसे सपूत से क्या दुखती नहीं तेरी आत्मा! कहां गई संवेदना?? ** ©Ankur Mishra

#कब_तक  शीर्षक-"संवेदना" 

पूछ रहा यह जीवन तुझसे 
तेरी कहां गई "संवेदना",
"धरा" यहीं है ,लोग वही हैं 
देह वही है ,नेह नहीं है 
क्यूँ मीट रही है भावना ! 

दी "जिन्दगी" जिसने तुझको 
उसका ना परवाह किया, 
मंदिर-मंदिर घूम रहा तू 
"उसको" रोता छोड़ दिया 
क्या यही है तेरी आराधना! 

तुझे खिलाने की खातिर 
कई कई दिन जिसने उपवास किया,
तू खोया है रंगीन नजारों में 
"उन्हें" घर में ही वनवास दिया 
क्या तुम्हीं थे उनकी कल्पना! 

फर्क नहीं पड़ता है तुझको 
जब "ममता" छुपकर रोती है, 
देख तेरी इस निष्ठुरता को 
कुदरत की आह निकलती है 
क्या होती नहीं तुझे वेदना! 

रिश्तों से "रस" सूख गया 
जीवन बन गई है "बेज़ान" सी, 
व्यर्थ हुये सब लहू के नाते 
जो लगती है अंजान सी 
क्या यही थी  उनकी कामना! 

विस्मित हैं भगवान भी अब 
इंसान तेरी करतूत से, 
जन्म का मोल चुनेगा कैसे
तुझ जैसे सपूत से 
क्या दुखती नहीं तेरी आत्मा!
कहां गई संवेदना??

**

©Ankur Mishra

शीर्षक-"संवेदना" पूछ रहा यह जीवन तुझसे तेरी कहां गई "संवेदना", "धरा" यहीं है ,लोग वही हैं देह वही है ,नेह नहीं है क्यूँ मीट रही है भावना !

16 Love

पलट पलट जो पीछे देखा हासिल क्या कर पाओगे, कड़वे अनुभव याद पुरानी जख्म तुम्हें दे जाएगी। कर्म करो फल मिल जाएगा देर भले अंधेर नहीं, व्यर्थ करोगे चिंता तो ये,निकट चिता ले जाएगी। ©SHANU KI सरगम

 पलट पलट जो पीछे देखा हासिल क्या कर पाओगे,
कड़वे अनुभव याद पुरानी जख्म तुम्हें दे जाएगी।

कर्म करो फल मिल जाएगा देर भले अंधेर नहीं,
व्यर्थ करोगे चिंता तो ये,निकट चिता ले जाएगी।

©SHANU KI सरगम

कब तक यूं व्यर्थ करोगे चिंता Rajan Bhadauriya Raj India Marty Hero Ankqsh Cohqsn vaibhav trivedi Harjot Guru Ankit Gautam

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