गुजरे हुए लम्हों कि यादें मिटृटी की घर घास- फूंस कि झोपड़ी है। बरसात में अपने घर के पास में ही करते सब्जीयों के खेती बाड़ी है।। ©Ghanshyam Ratre गांव के यादे.
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