Imagination कल्पना को कैसे कल्पना करें,कल्पना भी हैरान है।
कल्पना से होता विचार और विचार से ज्ञान है।।
ज्ञान की गंगा बहाना हो तो साहित्य की गंगा बहाना होगा।
साहित्य को सजाना हो तो पुष्प काव्य लाना होगा।।
पुष्प काव्य की कलश में,छोटी सी दीप जलानी होगी।
दीप कभी बुझे नहीं तब कलम की धार चलानी होगी।।
कलम में है छिपा कल-लम-कम, तलवार से है ये तेज।
इतिहास लिखा जाएगा इससे यहां पुष्प हो या सेज।।
©PK Pappu Patel
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