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#स्त्री #हिंदी #कविता #समाज #No_1trending #सोच  वक्त बदल गया है जमाना बदल गया है 
लेकिन नजरिया वही है 
लड़के लड़कियों में फर्क वही है 
रास्ते बदल गए हैं मंजिल वही है 
युग बदल गया है मगर परिवर्तन नहीं है 
लड़कियों की आजादी के सपने नए हैं 
लेकिन पांव में पड़ी जंजीर वही है 
आज भी बाहर निकलने पर जहन में खौफ वही है 
हर युग में लड़की की दास्तान वही है 
लड़कियों के साथ होने वाला व्यवहार वही है 
उनके साथ होने वाला अनाचार, अत्याचार वही है 
चार दिवारियों के बीच में कैद लड़कियों की घुटन वही है     
जिंदगी के हर मोड़ पर नज़रें गड़ाए दरिंदे वही हैं 
कल भी लोगों के बीच द्रौपदी सुरक्षित नहीं थी 
आज भी दामिनी की दुर्दशा वही है 
हर पल रावण और दुशासन की नजरों से बचने की आस वही है 
फिर कैसे समझे कि वक्त बदल गया है 
लड़के लड़कियों में फर्क नहीं है सोच नई है 
क्योंकि आज भी लड़की का दर्द वही है 
दर्द में से सिसकती आवाज वही है

©Pooja Priya

#Feminism #स्त्री #समाज #सोच #No_1trending #nojato #Women #poem #हिंदी @Siddharth Gupta @Poetry Stage Publication House @sharma ji हिंदी कविता कविता कोश कविता कोश कविताएं

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#न्यूज़ #Women_Special  💗 सभी महिलाओं को समर्पित 💗

रसायनशास्त्र से शायद ना पड़ा हो पाला
पर सारा रसोईघर प्रयोगशाला दूध में साइटरीक एसिड डालकर पनीर बनाना या 
सोडियम बाई कार्बोनेट से केक फूलाना चम्मच से सोडियम क्लोराइड का सही अनुपात तोलती  रोज कितने ही प्रयोग कर डालती हैं
पर खुद को कोई  वैज्ञानिक नही 
बस गृहिणी ही मानती हैं रसोई गैस की बढ़े कीमते या सब्जी के बढ़े भाव पैट्रोल डीजल महँगा हो या तेल मे आए उछाल घर के बिगड़े हुए बजट को झट से सम्हालती है
अर्थशास्त्री होकर भी खुद को बस गृहिणी ही मानती हैं
मसालों के नाम पर भर रखा आयूर्वेद का खजाना गमलो मे उगा रखे हैं
तुलसी गिलोय करीपत्ता छोटी मोटी बीमारियों को काढ़े से भगाना जानती है
पर खुद को बस गृहिणी ही मानती हैं।
सुंदर रंगोली और मेहँदी में  नजर आती इनकी चित्रकारी सुव्यवस्थित घर में झलकती है
इनकी कलाकारी ढोलक की थाप पर गीत गाती नाचती है कितनी ही कलाए जानती है पर 
खुद को बस गृहिणी ही मानती हैं
समाजशास्त्र ना पढ़ा हो शायद पर इतना पता है कि
परिवार समाज की इकाई है परिवार को उन्नत कर समाज की उन्नति में पूरा योगदान डालती है
पर खुद को बस गृहिणी ही मानती हैं।
मनो वैज्ञानिक भले ही ना हो पर घर में सबका मन पढ लेती है रिश्तों के उलझे धागों को
सुलझाना खूब जानती है पर खुद को बस गृहिणी ही मानती हैं।
योग ध्यान के लिए समय नहीं है  ऐसा अक्सर कहती हैं और प्रार्थना मे ध्यान लगाकर  घर की कुशलता मांगती है
 खुद को बस गृहिणी ही मानती हैं। ये गृहणियां सच में महान है कितने गुणों की खान है
सर्वगुण सम्पन्न हो कर भी अहंकार नहीं पालती है
खुद को बस गृहिणी ही मानती है।।
🙏🙏

©RamaLakhnawi

#Women_Special _🙏🙏

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#प्रेरक #nojotopoetry #nojotohindi #Feminism #SAD #no  जो कहते है की उन्हें
लड़कियों पर भरोसा नहीं हैं,
क्या उनकी मां बहने
 लड़किया नहीं हैं
लड़कियों पर तुम भरोसा करो
पहले खुद इस लायक तो बनो

©Anjali saini

जो लोग यह नहीं समझ पाते कि औरत चीज क्या है, उन्हें पहले यह समंझने कि जरूरत है कि औरत कोई चीज नहीं हैं ।। 🥀🥀🥀 ©Khyali Joshi

#समाज #Feminism  जो लोग यह नहीं समझ पाते
 कि औरत चीज क्या है,
उन्हें पहले यह समंझने कि जरूरत है
 कि औरत कोई चीज नहीं हैं ।।
🥀🥀🥀

©Khyali Joshi

#Feminism

13 Love

#happywomensDay #silent_love #Feminism #womenday #status  कुछ लोग कहते है की, 
नारी का कोई घर नहीं होता.... 
अरे आप ये क्यों नहीं समझते की 
 नारी के बिना कोई घर ही नहीं होता...!!! 
*_Happy Women’s Day_*

©Silent Love Hitesh

તમે સ્ત્રી તરીકે જન્મ્યાં છો ત્યારે... તમારાં સ્ત્રીત્વ ઉપર ગર્વ કરો! તમે જેવાં છો, એવાં જ બની રહો. ઘર, સમાજ કે દેશ માટે તમને જે કલ્યાણકારી માર્ગ લાગે, એ જ અપનાવો! તમે જે યુગમાં જન્મ્યાં છો, એ યુગમાં તમે શ્રેષ્ઠ જ છો! પરિવર્તન એ સંસારનો નિયમ છે, તો સ્ત્રીમાં પણ પરિવર્તન આવકાર્ય જ છે! તમારી પોતાની ઓળખ ટકાવી રાખો. તમે જાતે જ તમારી જાતને તૈયાર કરો! આ હક સમાજને ન આપો. પોતાને માન આપો, પોતાનું આત્મસન્માન જાળવતાં શીખો. પોતાનાં ઉપર અખૂટ વિશ્વાસ અને અડગ શ્રદ્ધા રાખો! અસમર્થ નહીં, આત્મવિશ્વાસી બનો. હંમેશા ખુશ રહો!  મસ્ત રહો! - કિંજલ પંડ્યા ©Kinjal Pandya

#વિચારો #Feminism  તમે સ્ત્રી તરીકે જન્મ્યાં છો ત્યારે...
તમારાં સ્ત્રીત્વ ઉપર ગર્વ કરો!
તમે જેવાં છો, એવાં જ બની રહો.
ઘર, સમાજ કે દેશ માટે
તમને જે કલ્યાણકારી માર્ગ લાગે,
એ જ અપનાવો!
તમે જે યુગમાં જન્મ્યાં છો,
એ યુગમાં તમે શ્રેષ્ઠ જ છો! 
પરિવર્તન એ સંસારનો નિયમ છે,
તો સ્ત્રીમાં પણ પરિવર્તન આવકાર્ય જ છે!
તમારી પોતાની ઓળખ ટકાવી રાખો.
તમે જાતે જ તમારી જાતને તૈયાર કરો!
આ હક સમાજને ન આપો.
પોતાને માન આપો, પોતાનું આત્મસન્માન જાળવતાં શીખો. 
પોતાનાં ઉપર અખૂટ વિશ્વાસ અને અડગ શ્રદ્ધા રાખો! 
અસમર્થ નહીં, આત્મવિશ્વાસી બનો.
હંમેશા ખુશ રહો!  મસ્ત રહો! 

- કિંજલ પંડ્યા

©Kinjal Pandya

#Feminism

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