मुझको पढ़ पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं, क्योंकि | हिंदी Shayari

"मुझको पढ़ पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं, क्योंकि मै वो किताब हूँ जिसमे लफ्जों की जगह जज़्बात लिखे है.. ©Shaikh Imran"

 मुझको पढ़ पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं, क्योंकि मै वो किताब हूँ जिसमे लफ्जों की जगह जज़्बात लिखे है..

©Shaikh Imran

मुझको पढ़ पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं, क्योंकि मै वो किताब हूँ जिसमे लफ्जों की जगह जज़्बात लिखे है.. ©Shaikh Imran

#ज़ज़बात

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