Moon
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वो एक सख्श जो मेरे दिल को भाता है जिसका मुखड़ा देख चांद भी शर्माता है जिनके खातिर हम जान लिए फिरते हैं बस वही सख्श हमेशा मुझे सताता है ©I N

#Moon  वो एक सख्श जो मेरे दिल को भाता है 
जिसका मुखड़ा देख चांद भी शर्माता है 
जिनके खातिर हम जान लिए फिरते हैं 
बस वही सख्श हमेशा मुझे सताता है

©I N

#Moon

13 Love

Pas gue ngomong sama lu pertama kali, gue kagak pernah nyangka kalo lu bakal jadi hidup dan hubungan gue... ©Deep_26Nt

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©Deep_26Nt

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13 Love

Jab apko apni pasandida aurat se Ishq aur Ishq mei diye gaye Waqt, bhaaw, mohabbat, saath Maangna pare toh samajh lena Ab aap unki zindagi mei itne Khaas nahi ho jitna aap khud ko mante ho Aur rishta bhi jald khatam hone wala hai Kyuki Ishq mei agar maangna pare Toh wo rishta nibhaya nahi Bas kheecha jaa raha hai Jiski dor kabhi bhi toot sakti hai...!!!! ©HARJEET SINGH

 Jab apko apni pasandida aurat se
Ishq aur Ishq mei diye gaye
Waqt, bhaaw, mohabbat, saath
Maangna pare toh samajh lena
Ab aap unki zindagi mei itne
Khaas nahi ho jitna aap khud ko mante ho
Aur rishta bhi jald khatam hone wala hai
Kyuki Ishq mei agar maangna pare
Toh wo rishta nibhaya nahi
Bas kheecha jaa raha hai
Jiski dor kabhi bhi toot sakti hai...!!!!

©HARJEET SINGH

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2 Love

#शायरी  ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए,
भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए।

पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई,
लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए।

बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी,
सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए।

उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं,
दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए।

थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने।
चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए।

                                   कवि-शिव गोपाल अवस्थी

©Shiv gopal awasthi

कविता

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#ज़िन्दगी #Moon  मैं और मेरे एहसास
तुम एक दिन कहीं से मेरी जिंदगी में आये औऱ मुझे मेरे होने का एहसास करवाया  या यूं कहो पहले से बेहतर ही बनाया मुझे,मेरी तकलीफ में मेरा साथ दिया और हां सबसे महत्वपूर्ण बात मुझे सुकून भी दिया या यूं कहूँ खुद मेरा सुकूं बन गए☺️
मुझे मुस्कुराना सिखाया हां कई बार परेशान

©Drx punam rao

#Moon

99 View

◆◆ सुनहरी यादें ◆◆ अभी देहरी पर बैठकर, प्रकृति को निहारते हुए, शीत लहर के उफान को चेहरे से टकराते, बंद आंखों में कुछ बीते नजारों को सजाते महसूस कर रहा हूँ। एक भीनी सी मुस्कान चेहरे पर, जैसे किसी वक्त की रेल में सफर कर रहे किसी यात्री सा प्रतीत करवा रही है। कुछ दृश्य उन सुनहरी पलों को पुनः जीवित कर रहें, जो अभी हाल ही में हमने दो दिन साथ में रहकर बिताये थें। बीते उन्ही दो दिनों में हमने जिंदगी के तमाम रंगीन किस्सों में सबसे बेहतरीन किस्से की सैर पर निकले हुए थें। अन्ततः जिसकी यात्रा बहुत ही सुखमय एवं मनमोहक सा रहा। जब तुम आते हो ना तो सम्पूर्णता लाती हो साथ में। कल्पनायें भाप बन छा जाती हैं। और ये सर्द भरी मौसम और गहरी हो जाती है। शायद! सबसे गहरी और हसीन मुलाकात भी तो यही होती है, जिनमें प्यार जैसे अधूरे शब्द में भी हम दोनों सम्पूर्ण प्रतीत होते हैं। मैं इस बीच तुम्हारे चेहरों में आते भावों को पढ़ता रहा। दुःख, हताशा, व्यर्थता, व्यग्रता और इंतजार...! वो हर उस समय का हिसाब माँगती रही मुझसे जो मैंने तुम को नजरअंदाज करते हुए यूँ ही गवाँ दिया था, और मैं चुप रहा जब तुम मेरे जीवन मे आए। लेकिन सच में नही पता था कि तुम्हारे बिना रहना कभी इतना भी मुश्किल हो जाएगा। जब हम दोनों को देखकर कभी कोई बोलता है "मेड फार इच अदर" तब विश्वास होता है कि जोड़ियां भगवान ही मिलाता है। गर! तुम ना हो फिर भी यह सोच लेना भर कि तुम हो कहीं समीप ही। इसमें रस है। जब तुम मेरे साथ होते हो तो क्यों संसार रंगीन लगती है? हर मंजर तुझ संग खास क्यूँ लगता है?? तुम जानो तो मुझको बताओ। तुम पर ही क्यों सिमट जाता है, मेरा हर आमोद-प्रमोद? जब तुम ना हो तो काटते हैं वो सारे दृश्य, जहां इंसान आह्लाद होता है। इतनी बड़ी दुनिया में तुझ तक सिमट जाता हूँ मैं, तू ना हो तो ताकता हूँ खामोश दीवारों, तकियों, सोफों, चादरों, रजाइयों को जैसे जीवंत थीं ये तेरे होने पर। हर वो चीज अब निर्जीव हो गयी तेरे जाने से। मन करता है अब जब मिलो तो तुम्हारा हाथ पकड़कर कह दूँ कि, जब तुम मेरे जीवन में आये सच में मुझे नही पता था कि, इक दिन तुम मेरे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण अंग ही बन जाओगी। कैसे कर लेते हो ये सब तुम? जब भी तुम मुझसे मिलती हो, तुम्हारी आँखों में कितना इंतजार दिखती है, जैसे मेरे सिवा ना तुमने कुछ देखा, ना महसूस किया, और ना ही कभी कुछ बोला।।😉🥰 -✍️अभिषेक यादव ©Abhishek Yadav

#लव #Moon  ◆◆ सुनहरी यादें ◆◆

अभी देहरी पर बैठकर, प्रकृति को निहारते हुए, शीत लहर के उफान को चेहरे से टकराते, बंद आंखों में कुछ बीते नजारों को सजाते महसूस कर रहा हूँ। 
एक भीनी सी मुस्कान चेहरे पर, जैसे किसी वक्त की रेल में सफर कर रहे किसी यात्री सा प्रतीत करवा रही है। कुछ दृश्य उन सुनहरी पलों को पुनः जीवित कर रहें, जो अभी हाल ही में हमने दो दिन साथ में रहकर बिताये थें। बीते उन्ही दो दिनों में हमने जिंदगी के तमाम रंगीन किस्सों में सबसे बेहतरीन किस्से की सैर पर निकले हुए थें। अन्ततः जिसकी यात्रा बहुत ही सुखमय एवं मनमोहक सा रहा।

जब तुम आते हो ना तो सम्पूर्णता लाती हो साथ में। कल्पनायें भाप बन छा जाती हैं। और ये सर्द भरी मौसम और गहरी हो जाती है। शायद! सबसे गहरी और हसीन मुलाकात भी तो यही होती है, जिनमें प्यार जैसे अधूरे शब्द में भी हम दोनों सम्पूर्ण प्रतीत होते हैं। 

मैं इस बीच तुम्हारे चेहरों में आते भावों को पढ़ता रहा। दुःख, हताशा, व्यर्थता, व्यग्रता और इंतजार...! वो हर उस समय का हिसाब माँगती रही मुझसे जो मैंने तुम को नजरअंदाज करते हुए यूँ ही गवाँ दिया था, और मैं चुप रहा जब तुम मेरे जीवन मे आए। लेकिन सच में नही पता था कि तुम्हारे बिना रहना कभी इतना भी मुश्किल हो जाएगा। जब हम दोनों को देखकर कभी कोई बोलता है "मेड फार इच अदर" तब विश्वास होता है कि जोड़ियां भगवान ही मिलाता है। 
गर! तुम ना हो फिर भी यह सोच लेना भर कि तुम हो कहीं समीप ही। इसमें रस है।

जब तुम मेरे साथ होते हो तो क्यों संसार रंगीन लगती है? हर मंजर तुझ संग खास क्यूँ लगता है?? तुम जानो तो मुझको बताओ। तुम पर ही क्यों सिमट जाता है, मेरा हर आमोद-प्रमोद? जब तुम ना हो तो काटते हैं वो सारे दृश्य, जहां इंसान आह्लाद होता है। इतनी बड़ी दुनिया में तुझ तक सिमट जाता हूँ मैं, तू ना हो तो ताकता हूँ खामोश दीवारों, तकियों, सोफों, चादरों, रजाइयों को 
जैसे जीवंत थीं ये तेरे होने पर।
हर वो चीज अब निर्जीव हो गयी तेरे जाने से।
मन करता है अब जब मिलो तो तुम्हारा हाथ पकड़कर कह दूँ कि, जब तुम मेरे जीवन में आये सच में मुझे नही पता था कि, इक दिन तुम मेरे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण अंग ही बन जाओगी।

कैसे कर लेते हो ये सब तुम?
जब भी तुम मुझसे मिलती हो, तुम्हारी आँखों में कितना इंतजार दिखती है, जैसे मेरे सिवा ना तुमने कुछ देखा, ना महसूस किया, और ना ही कभी कुछ बोला।।😉🥰
             -✍️अभिषेक यादव

©Abhishek Yadav

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