"ख़ुशी और ग़म कर मेरेे साथ दोखा फरेब अब जुज्को फिर से
आजामा रहे हैं
मेरे करीबी कोई अपनी फ़ितरत
नहीं बदलता यहा जनाब
वो समझते है कि
मे आन्जान हो उनके इन पेत्त्रो से।
मालूम है मुझको फिर से गदा बना रहे हैं। R."
ख़ुशी और ग़म कर मेरेे साथ दोखा फरेब अब जुज्को फिर से
आजामा रहे हैं
मेरे करीबी कोई अपनी फ़ितरत
नहीं बदलता यहा जनाब
वो समझते है कि
मे आन्जान हो उनके इन पेत्त्रो से।
मालूम है मुझको फिर से गदा बना रहे हैं। R.