काश इन निगाहों की सूरत में हम होते ,
तुम्हारे दिन और रात की जरूरत हम होते,
तुम्हारे हर दुःख की राहत हम होते,
हर बीते पल की चाहत हम होते,
सुकून और रूह की अदावत हम होते
तुम्हारे हर बातों कि कहावत हम होते ,
अब ना पूछो कि हम क्या क्या होते,
तुम्हारे हर सोच की बनावट हम होते।
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©Raj
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