एक दिन मैंने पैसे मांगे बेटे से,
कुछ अटपटे लपेटे से।
जबाव लिख नहीं सकता,
किसी को कुछ कह नहीं सकता।
सच लिखा था,, दिनकर,, जी ने,
दूसरे दिन सब खोजते रहे पर बाप लौट कर नहीं आया।
बेटी रोई हजार बार, माथा पटका बार बार,
ये दुनिया दौलत की दिबानी है, इसीको कहते हैं संसार।
©Rajesh rajak
#Sad_Status