कुछ बारिश की बूंदों जैसी है तुम्हारी मोह्हबत अगर म | हिंदी Shayari

"कुछ बारिश की बूंदों जैसी है तुम्हारी मोह्हबत अगर मेहरबां हो तो बरसा के भिंगा देती है, खफा हो तो तरसा देती है। ✍️ प्रज्ञा मिश्रा"

 कुछ बारिश की बूंदों जैसी है तुम्हारी मोह्हबत
अगर मेहरबां हो तो बरसा के भिंगा देती है,
खफा हो तो तरसा देती है।



                                 ✍️ प्रज्ञा मिश्रा

कुछ बारिश की बूंदों जैसी है तुम्हारी मोह्हबत अगर मेहरबां हो तो बरसा के भिंगा देती है, खफा हो तो तरसा देती है। ✍️ प्रज्ञा मिश्रा

#waiting दिल से

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