pragya mishra

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कुछ बेरंग दाल सी ये होती है पिता बिना ज़िन्दगी जिसे चाहे कितने भी नक्काशी किये हुए कीमती कटोरे में रख दिया जाये पर उसकी रंगत व् उसका स्वाद नही बदला जा सकता। ✍️pragya mishra

#raindrops  कुछ बेरंग दाल सी ये होती है पिता बिना ज़िन्दगी
जिसे चाहे कितने भी नक्काशी किये हुए कीमती कटोरे में रख दिया जाये  
पर उसकी रंगत व् उसका स्वाद 
नही बदला जा सकता।



                      ✍️pragya mishra

बेरंग ज़िन्दगी #raindrops

10 Love

कुछ आटे सी है ये तेरी मेरी यारी, जितना तू गूँथती जाती है उतना मैं बंधती जाती हूँ तुझसे। ✍️प्रज्ञा मिश्रा

#Freedom  कुछ आटे सी है ये तेरी मेरी यारी,
जितना तू 
गूँथती जाती है
उतना मैं बंधती जाती हूँ तुझसे।


                          ✍️प्रज्ञा मिश्रा

#Freedom frdship

13 Love

कुछ बारिश की बूंदों जैसी है तुम्हारी मोह्हबत अगर मेहरबां हो तो बरसा के भिंगा देती है, खफा हो तो तरसा देती है। ✍️ प्रज्ञा मिश्रा

#waiting  कुछ बारिश की बूंदों जैसी है तुम्हारी मोह्हबत
अगर मेहरबां हो तो बरसा के भिंगा देती है,
खफा हो तो तरसा देती है।



                                 ✍️ प्रज्ञा मिश्रा

#waiting दिल से

9 Love

यूँ तो बहुत जिद्दी है मेरी बहन, पर कब उसने दूसरों के लिए जीना शुरू कर दिया पता ही न चला पहले तो उसके पेट में बाते पचा न करती थी,पर कब उसने बातों को पीना सीख लिया पता ही न चला जब लग जाती थी छोटी से खरोंच तो पूरे घर को चीख चीख कर घर को सर पर उठा लेती थी,पर कब उसने चोट को छुपाना सीख लिया पता ही न चला छोटी छोटी बाते सुन के जो मुँह अपना फुला के घर में बैठ जाती थी,आज उसने हर बातो को पीना सीख लिया पता ही न चला यूं जिसने कभी नाप नाप कर मुझसे ज्यादा मैगी और गिन कर दो ज्यादा समोसे खाये थे,आज अपना हिस्सा दूसरों को हँसते हुए देना सीख लिया पता ही न चला जिसने कभी घर में बैठ कर अपना शासन मुझपर चलाया था और पापा मम्मी के साथ हर बात पर फैसला सुनाया था,उसने आज हँस कर सबका हुक्म बजाना सीख लिया पता ही न चला जिस भुक्खड़ ने कभी व्रत नही किया था,आज वो व्रत मारना सीख गयी पता ही न चला जो दिन भर घर में दुपट्टा लहराते उधम मचाती घूमती थी,उसने सर पर आँचल रख साड़ी पहनना सीख लिया पता ही न चला कितनी जल्दी बड़ी हो गयी मेरी दीदी,पता ही न चला pragya mishra✍️

 यूँ तो बहुत जिद्दी है मेरी बहन, पर कब उसने दूसरों के लिए जीना शुरू कर दिया पता ही न चला
पहले तो उसके पेट में बाते पचा न करती थी,पर कब उसने बातों को पीना सीख लिया पता ही न चला
जब लग जाती थी छोटी से खरोंच तो पूरे घर को चीख चीख कर घर को सर पर उठा लेती थी,पर कब उसने चोट को छुपाना सीख लिया पता ही न चला
छोटी छोटी बाते सुन के जो मुँह अपना फुला के घर में बैठ जाती थी,आज उसने हर बातो को पीना सीख लिया पता ही न चला
यूं जिसने कभी नाप नाप कर मुझसे ज्यादा मैगी और गिन कर दो ज्यादा समोसे खाये थे,आज अपना हिस्सा दूसरों को हँसते हुए देना सीख लिया पता ही न चला
जिसने कभी घर में बैठ कर अपना शासन मुझपर चलाया था और पापा मम्मी के साथ हर बात पर फैसला सुनाया था,उसने आज हँस कर सबका हुक्म बजाना सीख लिया पता ही न चला
जिस भुक्खड़ ने कभी व्रत नही किया था,आज वो व्रत मारना सीख गयी पता ही न चला
जो दिन भर घर में दुपट्टा लहराते उधम मचाती घूमती थी,उसने सर पर आँचल रख साड़ी पहनना सीख लिया पता ही न चला
कितनी जल्दी बड़ी हो गयी मेरी दीदी,पता ही न चला



                             pragya mishra✍️

मेरी दीदी

9 Love

sach me samajh nhi aata jau kaha sabko suboot dete dete apni begunahi sabit karte karte thak gye hu mai dil bojhil ho gya h apno k chot se ab mujhme jvabdehi ki himmat nhi ✍️pragya mishra

#alone  sach me samajh nhi aata
jau kaha
sabko suboot dete dete 
apni begunahi sabit karte karte thak gye hu mai
dil bojhil ho gya h apno k chot se
ab mujhme jvabdehi ki himmat nhi




                               ✍️pragya mishra

#alone

9 Love

#Smooth

#Smooth

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