Night shayari जब से होश संभाला मैंने ख़ुद को ग़म | हिंदी Shayari Video

"Night shayari जब से होश संभाला मैंने ख़ुद को ग़म में पाला मैंने! जुगनू बन ख़ुश हो जाता हूँ देखा नहीं उजाला मैंने! जिसने मुझको दर्द दिया था दिल से उसे निकाला मैंने! बयां कभी करता नहीं दुख मुंह में लगाया ताला मैंने! रस्ते का तज़ुर्बा समझकर हंसकर छुपाया छाला मैंने! ©अनुराग "सुकून" "

Night shayari जब से होश संभाला मैंने ख़ुद को ग़म में पाला मैंने! जुगनू बन ख़ुश हो जाता हूँ देखा नहीं उजाला मैंने! जिसने मुझको दर्द दिया था दिल से उसे निकाला मैंने! बयां कभी करता नहीं दुख मुंह में लगाया ताला मैंने! रस्ते का तज़ुर्बा समझकर हंसकर छुपाया छाला मैंने! ©अनुराग "सुकून"

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