Night quotes in Hindi
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Night shayari तकलीफ़ इस बात की नहीं के तेरे बाद भी जीना पड़ेगा अफ़सोस इस बात का है के हर रोज़ थोड़ा-थोड़ा मरना पड़ेगा ©Kammal Kaant Joshii

#शायरी #thought #Feeling #Broken #Shayar  Night shayari तकलीफ़ इस बात की नहीं के तेरे बाद भी जीना पड़ेगा
अफ़सोस इस बात का है के हर रोज़ थोड़ा-थोड़ा मरना पड़ेगा

©Kammal Kaant Joshii
#शायरी #feelings #Quotes #Quote #sapne #SAD  Night shayari ख्वाब के रस्ते में मेरी रूह तक थक गई,
ढूंढती है अब भी वो जगह, जहां सपने सच होते हैं।

©(S.S)

Night shayari ये तुम्हारा दिया ज़ख्म नासूर बन गया है रातों में इसे कुरेदना अब आदत बन गया है ©Kammal Kaant Joshii

#शायरी #broken_heart #feelings #2liners #Broken  Night shayari ये तुम्हारा दिया ज़ख्म नासूर बन गया है
रातों में इसे कुरेदना अब आदत बन गया है

©Kammal Kaant Joshii
#शायरी  Night shayari मेरी आँखों में छुपी उदासी को महसूस तो कर
हम वह हैं जो सब को हंसा कर रात भर रोते हैं
instra - anjalisaini09876

©Anjali saini

@Rakesh Srivastava @jitendra sharma Chanchal Hriday Pathak @Divyanjli Verma @Sanjeev Suman अदनासा- R K Mishra " सूर्य " Mr Ismail Khan (गुमनाम राइटर) @poonam atrey @Sethi Ji @Ashutosh Mishra @Ravi vibhute @Ranjit Kumar @Mr RN SINGH @Vikram vicky 3.0

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Night shayari फ़रमाइस-ए-इश्क में ना जाने क्या ख़ता हो गई, वो मेरी दिल्लगी को नादानी समझ बैठी...! ---(GUSTAKHI MAAF) ©someone special

 Night shayari फ़रमाइस-ए-इश्क में ना जाने क्या ख़ता हो गई,
 वो मेरी दिल्लगी को नादानी समझ बैठी...!
 
---(GUSTAKHI MAAF)

©someone special

फ़रमाइस-ए-इश्क में ना जाने क्या ख़ता हो गई, वो मेरी दिल्लगी को नादानी समझ बैठी...! ---(GUSTAKHI MAAF)

11 Love

 Night shayari 

जब से होश संभाला मैंने
ख़ुद को ग़म में पाला मैंने! 

 जुगनू बन ख़ुश हो जाता हूँ
 देखा नहीं उजाला मैंने! 

जिसने मुझको दर्द दिया था
दिल से उसे निकाला मैंने! 

बयां कभी करता नहीं दुख
  मुंह में लगाया ताला मैंने! 

 रस्ते का तज़ुर्बा समझकर
 हंसकर छुपाया छाला मैंने!

©अनुराग "सुकून"

Night shayari जब से होश संभाला मैंने ख़ुद को ग़म में पाला मैंने! जुगनू बन ख़ुश हो जाता हूँ देखा नहीं उजाला मैंने! जिसने मुझको दर्द दिया था दिल से उसे निकाला मैंने! बयां कभी करता नहीं दुख मुंह में लगाया ताला मैंने! रस्ते का तज़ुर्बा समझकर हंसकर छुपाया छाला मैंने! ©अनुराग "सुकून"

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