poonam atrey

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White एक पल में जिंदगी, क्या से क्या हो जाती है, बेरंग होकर भी ये, कुछ रंग नए दिखलाती है, निकल पड़ती है ये, अंधेरों से उजाले की ओर, बुझी हुई आँखों में, कुछ ख्वाब नए दे जाती है, बदलती है स्वरूप ये, एक नियत समय पर, किस्मत से ज्यादा, कभी कहाँ कुछ दे पाती है, कभी दे जाती है दिल पर, कुछ ज़ख्म काँटों से, एक पल में जिंदगी, फूलों का हार बन जाती है, हर शय का कुदरत ने, नियत समय लिख रखा है, वक़्त की ये, एक एक घड़ी आज़माती है, उधेड़ देती है ज़ख्म यादों के, चंद ही पलों में, उन ज़ख्मों का लेप भी, ये ख़ुद ही लगाती है।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey

#नोजोटोहिंदी #पूनमकीकलमसे #मोटिवेशनल #जिंदगी #नियत  White  एक पल में जिंदगी, क्या से क्या हो जाती है,
बेरंग होकर भी ये, कुछ रंग नए दिखलाती है,

निकल पड़ती है ये, अंधेरों से उजाले की ओर,
बुझी हुई आँखों में, कुछ ख्वाब नए दे जाती है,

बदलती है स्वरूप ये, एक   नियत  समय पर,
किस्मत से ज्यादा, कभी कहाँ कुछ दे पाती है,

कभी दे जाती है दिल पर, कुछ ज़ख्म काँटों से,
एक पल में जिंदगी, फूलों का हार बन जाती है,

हर शय का कुदरत ने, नियत समय लिख रखा है,
वक़्त की ये,    एक    एक     घड़ी आज़माती है,

उधेड़   देती   है  ज़ख्म यादों के, चंद ही पलों में,
उन  ज़ख्मों  का  लेप  भी, ये  ख़ुद ही लगाती है।।

-पूनम आत्रेय

©poonam atrey

White बहुत रो लिए हम, इस ज़ालिम समाज में, और कब तक रहेंगें पिसते, खोखले रिवाज़ में, अब बदलनी होगी हमें, तस्वीर हिंदुस्तान की, स्त्री कोई वस्तु नहीं, ना जागीर है जहान की, मन में ठान लिया है,अब इंसाफ होकर रहेगा, अब कोई समाज में, हमें अबला नहीं कहेगा, ख़ुद उठानी है शमशीर, हृदय वज्र करना है, इन इंसानी रूपी दानवो का , संहार करना है, नहीं रोंदी जायेगी ,कोई निर्भया और मौमिता, नहीं लुटेगी लाज किसी की, सलमा हो या गीता, तोड़कर सारे बंधन ,अब रूप काली का धरना है, बनी है अंधी न्यायपालिका, अब इन्साफ हमी को करना है,।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey

#इन्साफहोकररहेगा #नोजोटोराइटर्स #पूनमकीकलमसे #मोटिवेशनल  White  बहुत  रो  लिए   हम,  इस ज़ालिम समाज में, 
और कब तक रहेंगें पिसते, खोखले रिवाज़ में,

अब बदलनी होगी हमें, तस्वीर हिंदुस्तान की,
स्त्री कोई वस्तु नहीं,  ना जागीर है जहान की,

मन में ठान लिया है,अब इंसाफ होकर रहेगा,
अब कोई समाज में, हमें  अबला नहीं कहेगा,

ख़ुद उठानी है शमशीर,  हृदय  वज्र करना है,
इन इंसानी रूपी  दानवो का , संहार करना है,

नहीं रोंदी जायेगी ,कोई निर्भया और मौमिता,
नहीं लुटेगी लाज किसी की, सलमा हो या गीता,

तोड़कर सारे बंधन ,अब रूप काली का धरना है,
बनी है अंधी न्यायपालिका, अब इन्साफ हमी को करना है,।।

-पूनम आत्रेय

©poonam atrey

White उम्र भर हम ख्वाहिशों का रोना रोते रहे, अपने टूटे हुए सपनों को,दिल मे संजोते रहे, तुम्हारे दिए अश्कों से भी, इश्क़ किया हमने, ख्यालों की क़लम से, हर ज़ख्म सिया हमने, इतने दर्द से गुज़रे हैं, कि अब दर्द नहीं होता, सुबह की उम्मीद मे, ये दिल सब्र नहीं खोता, क्यों रुलाया मुझे, ये दिल पूछता है बार बार, हर लम्हा तेरे इश्क़ मे,सहता हूँ अश्कों के वार, एक दिन तो चुप्पी तोड़ेगी, मेरी मौन की आवाज़ उस दिन मेरी उम्मीदों की, तुम देखना परवाज़।। ©poonam atrey

#क्योंरुलायामुझे #दमतोड़तीख्वाहिशे #नोजोटोहिन्दी #पूनमकीकलमसे #कविता  White  उम्र   भर हम  ख्वाहिशों   का  रोना रोते रहे,
अपने टूटे हुए सपनों को,दिल मे संजोते रहे,

तुम्हारे दिए अश्कों से भी, इश्क़ किया हमने,
ख्यालों की क़लम से, हर ज़ख्म सिया हमने,

इतने दर्द से गुज़रे हैं, कि अब दर्द नहीं होता,
सुबह की उम्मीद मे, ये दिल सब्र नहीं खोता,

क्यों रुलाया मुझे, ये दिल पूछता है बार बार,
हर लम्हा तेरे इश्क़ मे,सहता हूँ अश्कों के वार,

एक दिन तो चुप्पी तोड़ेगी, मेरी मौन की आवाज़ 
उस दिन मेरी उम्मीदों की, तुम देखना  परवाज़।।

©poonam atrey

White खुला पिंजरा और पंछी क़ैद से आज़ाद हुआ, हम बैठे रहे इस सोच मे,अचम्भा ये मुद्दतो बाद हुआ, कहाँ चलती हैं जिंदगी, कभी ख़ुद को खोने के बाद, अश्क़ भी सूख जाते है, मुसलसल रोने के बाद, अब जाकर हिम्मतों की एक एक कड़ी जोड़ी है, उसमे हौसला गज़ब का है, उम्मीद थोड़ी है, बसर होती रही ज़ब तक, सहन करते रहे हम, खर्च होती रही उम्र, और वहन करते रहे हम, खुला पिंजरा तो आज, हौसलों ने फ़िर उड़ान भरी है, छू लेना हैं वो आसमान, मेरी उम्मीद खरी है।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey

#नोजोटोहिन्दी #पूनमकीकलमसे #खुलापिंजरा #मोटिवेशनल  White  खुला पिंजरा   और    पंछी    क़ैद   से आज़ाद हुआ,
हम बैठे रहे इस सोच मे,अचम्भा ये मुद्दतो बाद हुआ,

कहाँ चलती हैं  जिंदगी, कभी ख़ुद को खोने के बाद,
अश्क़    भी     सूख जाते है, मुसलसल रोने के बाद,

अब   जाकर    हिम्मतों की  एक एक कड़ी जोड़ी है,
उसमे   हौसला    गज़ब    का     है, उम्मीद थोड़ी है,

बसर   होती    रही    ज़ब  तक, सहन करते रहे हम,
खर्च    होती    रही    उम्र, और   वहन करते रहे हम, 

खुला पिंजरा तो आज, हौसलों ने फ़िर  उड़ान भरी है,
छू    लेना     हैं    वो    आसमान, मेरी उम्मीद खरी है।।

-पूनम आत्रेय

©poonam atrey

#खुलापिंजरा #पूनमकीकलमसे #नोजोटोहिन्दी @Sunita Pathania @Ravi Ranjan Kumar Kausik अदनासा- @vineetapanchal @Lalit Saxena मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे मोटिवेशनल कोट्स हिंदी

17 Love

White #ख़ामोशी चीखता रहा अंतर्मन ,पर लबों की ख़ामोशी बहुत कुछ कह गई, ख़ामोश सी नज़रें मेरी,ज़माने के सारे ज़ुल्म-ओ-सितम सह गई, मेरे मन का शोर कोई सुन न पाया, होंठो की हँसी देखकर, आँखों ने चुप्पी तोड़ी तो , ये दुनिया अवाक रह गई, ख़ामोश नजरों का दर्द जहां में , कौन जान पाया है, मीठी सी मुस्कान भी मेरी , हलाहल पीकर रह गई, दिल बहुत दुखा करता है , जमाने की दोगली बातों से, मारे शर्म के ख़ामोश रही आँखे ,चुपचाप देखती रह गई, दिल की बातें जब आई जुबाँ तक , जहां भर में बातें हुईं, जो बोझ था दिल पर उतर गया, पर थोड़ी बेक़रारी रह गई, झेलते रहे नाजुक इस दिल पर, जहां भर के ज़ुल्मों सितम, अब प्रतिकार तुझे करना होगा, मेरी बरसती आँखे कह गई, -पूनम आत्रेय ©poonam atrey

#लबोंकीख़ामोशी #नोजोटोहिंदी #पूनमकीकलमसे #ख़ामोशी #कविता  White #ख़ामोशी 
चीखता रहा अंतर्मन ,पर लबों की ख़ामोशी बहुत कुछ कह गई,
ख़ामोश सी नज़रें मेरी,ज़माने के सारे ज़ुल्म-ओ-सितम सह गई,
मेरे  मन  का  शोर  कोई  सुन  न पाया, होंठो की हँसी देखकर,
आँखों  ने   चुप्पी   तोड़ी    तो ,   ये   दुनिया  अवाक रह गई,
ख़ामोश   नजरों    का   दर्द   जहां   में ,  कौन  जान पाया है,
मीठी     सी     मुस्कान   भी   मेरी ,   हलाहल पीकर रह गई,
दिल   बहुत    दुखा    करता  है  , जमाने की दोगली बातों से,
मारे   शर्म   के    ख़ामोश रही आँखे ,चुपचाप देखती रह गई,
दिल  की   बातें  जब  आई  जुबाँ  तक , जहां भर में बातें हुईं,
जो  बोझ  था  दिल पर उतर गया, पर थोड़ी बेक़रारी रह गई,
झेलते रहे नाजुक   इस  दिल   पर, जहां भर के ज़ुल्मों सितम,
अब प्रतिकार तुझे करना होगा,  मेरी बरसती आँखे कह गई,
-पूनम आत्रेय

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White हिन्दी से ही सीखा है हमने, ककहरा जीवन का, हर रोम रोम में निहित है, स्वाद वर्ण और व्यंजन का, हर वाणी को सजाया है ,हिन्दी के कोमल भावों ने, सींचा है अक्षर अक्षर को, साहित्यिक संवेदनाओं ने, हिन्दी भाषा तो जननी है , वेद और पुराणों की, हिन्दी ही ओजस्वी वाणी है ,पर्वत और पाषाणों की, हिन्दी ने हमको सिखलाया ,पाठ एकता में बल का, हिन्दी ने हममें प्राण भरे ,ये साहस बनी है निर्बल का, रामायण ,गीता ,महाभारत से, ग्रन्थों का सार बनी, वेद पुराणों को रचकर ,नवजीवन का आधार बनी, कितने शब्द ,व्यंजन ,अलंकार ,इसके माथे सजते हैं, आज भी भारत माता के , बस प्राण इसी में बसते हैं,।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey

#हिन्दीदिवसकीहार्दिकशुभकामनाएँ #नोजोटोहिंदी #पूनमकीकलमसे #कविता #hindi_diwas  White  हिन्दी  से ही सीखा  है  हमने, ककहरा जीवन   का,
हर रोम रोम में निहित है, स्वाद वर्ण और व्यंजन का,

हर  वाणी  को सजाया है ,हिन्दी के कोमल भावों ने,
सींचा है अक्षर अक्षर को, साहित्यिक  संवेदनाओं ने,

हिन्दी भाषा तो  जननी   है , वेद  और  पुराणों   की,
हिन्दी ही ओजस्वी वाणी है ,पर्वत और पाषाणों की,

हिन्दी ने हमको सिखलाया  ,पाठ एकता में बल का,
हिन्दी ने हममें प्राण भरे ,ये साहस बनी है निर्बल का,

रामायण ,गीता ,महाभारत से,  ग्रन्थों  का सार बनी,
वेद पुराणों को  रचकर ,नवजीवन  का  आधार बनी,

कितने शब्द ,व्यंजन ,अलंकार ,इसके माथे सजते हैं,
आज भी भारत माता के , बस प्राण इसी में बसते हैं,।।

-पूनम आत्रेय

©poonam atrey
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