मुझे यकीन है मेरी कल्पना पर
तुम - सा खूूबसूरत कोई हो ही नहीं सकता है
तुम उस सख्स में से होगे जो
संस्कारों, संकल्पों और अपनों का खयाल रखता है
रो देते होगे जब दर्द होता होगा
दकियानूसी मर्द नहीं
मासूम बच्चे होगे
हां,मन के सच्चे होगे......
©Gyanu ojha
तुम बहुत अच्छे होगे
मन के सच्चे होगे
छल और कपट तुम्हें भी कहां भाता होगा
जो मुझे दुख देता है वो मंज़र तुम्हें भी सताता होगा
हां मगर करते होगे गलतियां समझने की सबको सही तुम भी
मुझे पता है भरोसे के थोड़े कच्चे होगे
मन के सच्चे होगे
मुझे यकीन है मेरी कल्पना पर