दफन हुए यूं हर ख़्वाब जिंदगी के ,
छाया यूं बस धुंधला कोहरा सा है !
ढूंढती निगाहें यूं सुबह_ ए _शाम हैं ,
अधूरा सा यूं बस तुझसे पूरा हूं मैं !
अक्सर तरासते तेरी गलियां यूं हम ,
खाली क्या गुमनाम शहर जो हुआ !
मांगी जो दुआं ताउम्र तेरे नाम से ,
बिखर यूं गया आशियाना तेरे नाम का !
खुदा मुकम्मल तेरी हर दुआं करे ,
महरबा यूं तुझ पर आज भी हम !
यूं बिखर सा गया _ए _जिन्दगी ,
पांव पसारता बस कोहरा सा हैं !
©Dr nvn.
#together Sunil Priyanka Modi Shiwani Sahil Rana Nasirulseikh