White रातों की कालीमा बढ़ती जा रही है, ज्यों मानिं | हिंदी Shayari

"White रातों की कालीमा बढ़ती जा रही है, ज्यों मानिंद रेत के टीलों पर अंधकार,कहर बरपा रहा है। ओर वो खुले आसमान से तांके है आंके है बता हिम्मत कंहा कितनी है। ©arvind bhanwra ambala. India"

 White रातों की कालीमा
बढ़ती जा रही है,
ज्यों मानिंद रेत के टीलों पर
अंधकार,कहर बरपा रहा है।
ओर वो खुले आसमान से तांके है 
आंके है बता हिम्मत कंहा कितनी है।

©arvind bhanwra ambala. India

White रातों की कालीमा बढ़ती जा रही है, ज्यों मानिंद रेत के टीलों पर अंधकार,कहर बरपा रहा है। ओर वो खुले आसमान से तांके है आंके है बता हिम्मत कंहा कितनी है। ©arvind bhanwra ambala. India

अंदाजा @Sethi Ji @puja udeshi @Farooq Farooqui @advocate SURAJ PAL SINGH @Deep Bawara

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