यारों मुझको मेरे हाल पर रहने दो ना तुम सुनते नही क | हिंदी Shayari

"यारों मुझको मेरे हाल पर रहने दो ना तुम सुनते नही किसी ओर से कहने दो ना इश्क़ में इबादत की मंजूरी होती ही हैं ये जिस्म ए तम्मन्ना की इमारत ढहने दो ना मुझ पर हक ए इश्क़ अदा करते हो तुम इन आँसुओ को मेरी आँखो से बहने दो ना अल्फाज़ों की फ़ज़ीलत समझो अंसारी थोड़ा सा दर्द कलम को भी सहने दो ना ©Jishant ansari"

 यारों मुझको मेरे हाल पर रहने दो ना
तुम सुनते नही किसी ओर से कहने दो ना

इश्क़ में इबादत की मंजूरी होती ही हैं 
ये जिस्म ए तम्मन्ना की इमारत ढहने दो ना

मुझ पर हक ए इश्क़ अदा करते हो तुम
इन आँसुओ को मेरी आँखो से बहने दो ना

अल्फाज़ों की फ़ज़ीलत समझो अंसारी
थोड़ा सा दर्द कलम को भी सहने दो ना

©Jishant ansari

यारों मुझको मेरे हाल पर रहने दो ना तुम सुनते नही किसी ओर से कहने दो ना इश्क़ में इबादत की मंजूरी होती ही हैं ये जिस्म ए तम्मन्ना की इमारत ढहने दो ना मुझ पर हक ए इश्क़ अदा करते हो तुम इन आँसुओ को मेरी आँखो से बहने दो ना अल्फाज़ों की फ़ज़ीलत समझो अंसारी थोड़ा सा दर्द कलम को भी सहने दो ना ©Jishant ansari

#GateLight # feelings

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