Jishant ansari

Jishant ansari

कलमकार✍️ ज़िंदगी एक कविता है , और में काव्य प्रेमी

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White तुम्हारे जाने के बाद..... क्यों नही खो जाते हम उन सभी संस्मरणों की गोद मे जँहा सिर्फ तुम अपने हाथों से मेरे बालो को स्पर्श करती थी , वह पल मेरे लिए ठीक वैसा ही था जैसा किसी तितली का उस फूल पर बैठना जिसका रंग उसके पंखों से मिलता हो , इस सदैव असहनीय एकांत से मुझको उन सभी वेदनाओं की धूमिल छवि दिखाई देती हैं जँहा तुम किसी हवा के झोंके की तरह मेरे चेहरे को स्पर्श करती थी , तुम्हारे जाने के बाद मुझमें सिर्फ कुछ कल्पनाये जीवित हैं जिनका उदहारण सिर्फ इतना कि अब ज़मी पर तुम्हारी तस्वीर उस लकड़ी से बनाता हूँ जो खुद बारिश के विरह में किसी कंकाल की भाँति ज़मी में पैरों तले विलुप्त होती जा रही है ©Jishant ansari

#Emotional #Feeling #quaotes #Quotes #vichar  White तुम्हारे जाने के बाद.....

क्यों नही खो जाते हम उन सभी संस्मरणों की गोद मे जँहा सिर्फ तुम अपने हाथों से मेरे बालो को स्पर्श करती थी , वह पल मेरे लिए ठीक वैसा ही था जैसा किसी तितली का उस फूल पर बैठना जिसका रंग उसके पंखों से मिलता हो , इस सदैव असहनीय एकांत से मुझको उन सभी वेदनाओं की धूमिल छवि दिखाई देती हैं जँहा तुम किसी हवा के झोंके की तरह मेरे चेहरे को स्पर्श करती थी ,  तुम्हारे जाने के बाद मुझमें सिर्फ कुछ कल्पनाये जीवित हैं जिनका उदहारण सिर्फ इतना कि अब ज़मी पर तुम्हारी तस्वीर उस लकड़ी से बनाता हूँ जो खुद बारिश के विरह में किसी कंकाल की भाँति ज़मी में पैरों तले विलुप्त होती जा रही है

©Jishant ansari

ये लोग हैं जो तुम्हें समझाने वाले मतलब मतलब से हक जताने वाले मौका परस्तों की कमी नही है यारो देखते हैं लोग इश्क़ पे इतराने वाले खुदको इतना नादान समझता नही मैं क्यों जलते हैं हाथ आग बुझाने वाले मेरे ज़ख्मो का हमनवां बना है जो हाथ कांपे क्यों नही खंज़र चुभाने वाले अंसारी इन लबों से कुछ इरादा न करो यहीं है तेरे आँगन के दीये बुझाने वाले ©Jishant ansari

#Emotional #LO√€ #shyari #poatry  ये लोग हैं जो तुम्हें समझाने वाले 
मतलब मतलब से हक जताने वाले

मौका परस्तों की कमी नही है यारो
देखते हैं लोग इश्क़ पे इतराने वाले

खुदको इतना नादान समझता नही मैं
क्यों जलते हैं हाथ आग बुझाने वाले

मेरे ज़ख्मो का हमनवां बना है जो
हाथ कांपे क्यों नही खंज़र चुभाने वाले

अंसारी इन लबों से कुछ इरादा न करो 
यहीं है तेरे आँगन के दीये बुझाने वाले

©Jishant ansari

White खुदकुशी , शायेद आखिरी मंजिल ही यही है । हर किसी के सपनो की , पर मेरा सपना तो कुछ लोगो तक ही आकर रुक जाता था , हाँ वही लोग जो मेरे अपने है या थे खैर ,मुझे भी खुदकुशी करनी है अपनी हर उस चीज के लिए जिससे केवल मुझे उदासी , अकेलापन , उन्स , घुटन का एहसास हुआ है ' मुझे खुदकुशी करनी है अपने उन फैसलो के लिए जो कभी मेरे मित्र नही बने , उन झूठी जिम्मेदारियों के लिए जो मेरा बचपन खा गई , या उन सभी यादो के लिए जिनमें में खुदको खुश मानने की नाकाम कोशिश करता रहा , मुझे खुदकुशी करनी है हर उस लम्हें के लिए जिनमे मेरा योगदान केवल उस जोकर के समान था जो चंद मुस्कुराहट के लिए खुदके आँसुओ का सौदा करता है , मुझे खुदकुशी करनी है अपने संस्मरणों के लिए जिनमे हर वो शख्स निहित है जो मेरा दुख का कारण बना है , ©Jishant ansari

#akelapan #emostion #fealings #quaotes #Quotes  White खुदकुशी , शायेद आखिरी मंजिल ही यही है । हर किसी के सपनो की , पर मेरा सपना तो कुछ लोगो तक ही आकर रुक जाता था , हाँ वही लोग जो मेरे अपने है या थे खैर ,मुझे भी खुदकुशी करनी है अपनी हर उस चीज के लिए जिससे केवल मुझे उदासी , अकेलापन , उन्स , घुटन का एहसास हुआ है ' मुझे खुदकुशी करनी है अपने उन फैसलो के लिए जो कभी मेरे मित्र नही बने , उन झूठी जिम्मेदारियों के लिए जो मेरा बचपन खा गई , या उन सभी यादो के लिए जिनमें में खुदको खुश मानने की नाकाम कोशिश करता रहा , 

मुझे खुदकुशी करनी है हर उस लम्हें के लिए जिनमे मेरा योगदान केवल उस जोकर के समान था जो चंद मुस्कुराहट के लिए खुदके आँसुओ का सौदा करता है , मुझे खुदकुशी करनी है अपने संस्मरणों के लिए जिनमे हर वो शख्स निहित है जो मेरा दुख का कारण बना है ,

©Jishant ansari

White सर-ए-राह खड़े है हम किस मालम में ज़िंदगी गुजर रही है इसी खयाल में क्या किया है तुमने , क्या करते हो तुम में फंस गया हूँ बस इन्ही दो सवाल में ©Jishant ansari

#sad_shayari #quaotes #lonely #shyari  White सर-ए-राह खड़े है हम किस मालम में
ज़िंदगी गुजर रही है इसी खयाल में 

क्या किया है तुमने , क्या करते हो तुम
में फंस गया हूँ बस इन्ही दो सवाल में

©Jishant ansari

White यूँ ही नही जुड़े हैं मुस्तकबिल हमारे इश्क़ ए दरिया में बसे हैं लोग बेचारे ता उम्र ढूंढता जिसको जीने की खातिर वो जी रहे हैं एक तस्वीर के सहारे दरियाये समंदर में खोजते जो साहिल आज डुबोते हैं कश्तियां रेत के किनारे ©Jishant ansari

#love_shayari #feeelings #qoutes #poatry  White यूँ ही नही जुड़े हैं मुस्तकबिल हमारे
इश्क़ ए दरिया में बसे हैं लोग बेचारे

ता उम्र ढूंढता जिसको जीने की खातिर
वो जी रहे हैं एक तस्वीर के सहारे

दरियाये समंदर में खोजते जो साहिल
आज डुबोते हैं कश्तियां रेत के किनारे

©Jishant ansari

White इन हवाओं से जो झुमके हिलने लगे है जैसे बागों में नये फूल खिलने लगे है इश्क में जुदाई का मुक़ाम बस इतना है दो दिल बिछड़ के भी मिलने लगे है तुम खुदको शायर बताते फिरते हो अंसारी लोग हैं जो तुम्हें आशिकों में गिनने लगे हैं ©Jishant ansari

#shyari_in_hindi #shyariquetos #sayarilover #poatryhindi #lovelife  White इन हवाओं से जो झुमके हिलने लगे है 
जैसे बागों में नये फूल खिलने लगे है 

इश्क में जुदाई का मुक़ाम बस इतना है 
दो दिल बिछड़ के भी मिलने लगे है 

तुम खुदको शायर बताते फिरते हो अंसारी
लोग हैं जो तुम्हें आशिकों में गिनने लगे हैं

©Jishant ansari
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