#शहीद दिवस लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका आज, कल उस | हिंदी शायरी
"#शहीद दिवस
लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका आज, कल उसका आगाज़ आएगा
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा
मैं रहूँ या ना रहूँ, ये वादा है तुझसे मेरा
मेरे बाद वतन पे मिटने को सैलाब आएगा
दिनेश गुप्ता 'दिन'"
#शहीद दिवस
लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका आज, कल उसका आगाज़ आएगा
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा
मैं रहूँ या ना रहूँ, ये वादा है तुझसे मेरा
मेरे बाद वतन पे मिटने को सैलाब आएगा
दिनेश गुप्ता 'दिन'