तुम और कविता भीड़ में अलग से थे तुम या अलग थे भीड़ से तुम कुछ तो था जो आकस्मिक नहीं हो सकता…. इतना मोह, यूँ ही नहीं हो सकता शायद, अलग से ही थे तुम…. मेरे तुम….❤️❤️ ©Ravi kanojia #TumAurKavita Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto