पक्षपात पक्षपात तो घरों से ही शुरू होता है
मार दी जाती है कोख़ में ही बेटियां
देखो बेटी और बेटे में कितना फ़र्क होता है
बेटियाँ होने पर घरों में मातम सा छा जाता है
बेटे होने की खुशी में जश्न मनाया जाता है
दहेज़ ना देने पर जिंदा जला दी जाती है बेटियाँ
उन माँ बाबा से पूछो उनके दिल पर क्या होता है
बेटियों को शुरुवाती दौर पर ही सिखाया जाता है चूल्हा- चौका
बेटों को सर पर चढ़ाया जाता है
बेटियाँ पढ़ना चाहे तो पैसों का होता है बहाना
बेटों को पढ़ाने के लिए बैंकों से लोन लिया जाता है
बेटी को सिखाए जाते हैं सब तौर तरीके
बेटों को आज़ाद छोड़ दिया जाता है
क्या बेटियाँ इतनी बुरी है बेटों से
क्यूँ ये फ़िर पक्षपात किया जाता है
©Dr Manju Juneja
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