सूरज सा आपका आगाज़ हो
आसमां तक आपका परवाज हो
जगमग हो ये कायनात सारी
आपके कर्मो का ऐसा अंदाज हो
जहाँ पर आपके कदम पड़े
बुलंद आपके नाम की आवाज हो
सबके दिलों पे छा जाओ तुम
वाणी में आपकी ऐसा मधुर साज हो
ठहर सके जो सामने आपके
जमाने में ऐसी ना कोई मुमताज हो
आपका दिल खुली किताब रहे
इसमें सोता हुआ ना कोई राज़ हो
©Dhruv Kaushik
#Wish