✍️आज की डायरी ✍️
✍️ चाहत.... ✍️✍️
ज़िंदगी जीने के लिए इक चाहत ज़रूरी है ,
ख़ुदा की बंदगी के लिए इबादत जरूरी है ,
सबकी अपने हिसाब से ज़रूरत होती है ।
नया कुछ भी पाने के लिए चाहत ज़रूरी है ।।(१)
माँ को अपने बेटे से सम्मान की चाहत है ,
पिता को बस थोड़ी सी मान की चाहत है ,
पत्नी की चाहत बस पति ख़याल रखे ,
पति की चाहत पत्नी पूरा घर सम्हाल रखे ,
रिश्ते बचाने के लिए उनकी हिफ़ाजत जरूरी है ।
नया कुछ भी पाने के लिए चाहत जरूरी है ।। (२)
फ़र्श पे जो हैं उन्हें अर्श पे जाने की चाहत है ,
विषाद में जो हैं उन्हें हर्ष को पाने की चाहत है ,
जिसे जो भी मिला है उससे ज्यादा चाहता है ,
संतुष्टि का भाव मन में लाना नहीं चाहता है ,
सच्ची खुशी के लिए बस मुस्कुराहट जरूरी है ।
नया कुछ भी पाने के लिए चाहत ज़रूरी है ।। (३)
✍️नीरज✍️
©डॉ राघवेन्द्र
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