White - कुण्डलिया छंद - समझौता होने लगा, हर रिश् | हिंदी कवि

"White - कुण्डलिया छंद - समझौता होने लगा, हर रिश्ते में आज। समझौतों पर ही टिका, सारा मनुज समाज।। सारा मनुज समाज, स्वार्थवश प्रीति जताता। सटते से ही स्वार्थ, अँगूठा है दिखलाता।। केवट जैसा आज, लिए हैं सभी कठौता। करें परस्पर पार, लगाने का समझौता।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava"

 White  - कुण्डलिया छंद -

समझौता होने लगा, हर रिश्ते में आज।
समझौतों पर ही टिका, सारा मनुज समाज।।
सारा मनुज समाज, स्वार्थवश प्रीति जताता।
सटते से ही स्वार्थ, अँगूठा है दिखलाता।।
केवट जैसा आज, लिए हैं सभी कठौता।
करें परस्पर पार, लगाने का समझौता।।

- हरिओम श्रीवास्तव -

©Hariom Shrivastava

White - कुण्डलिया छंद - समझौता होने लगा, हर रिश्ते में आज। समझौतों पर ही टिका, सारा मनुज समाज।। सारा मनुज समाज, स्वार्थवश प्रीति जताता। सटते से ही स्वार्थ, अँगूठा है दिखलाता।। केवट जैसा आज, लिए हैं सभी कठौता। करें परस्पर पार, लगाने का समझौता।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava

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