Hariom Shrivastava

Hariom Shrivastava

M.A., LL.B. Rtd. Commercial Tax Officer, Bhopal, M.P.

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- कुण्डलिया - "क्रोध" -------------------------------------------------- 1- क्रोधी को इस बात का, रहे न कोई बोध। क्षतिकारक होता सदा, जब भी आता क्रोध।। जब भी आता क्रोध, बुद्धि भी है चकराती। भले-बुरे की बात, ज़रा भी समझ न आती।। क्रोध मनुज का शत्रु, प्रगति का भी अवरोधी। तन-मन-धन सब नष्ट, स्वयं करता है क्रोधी।। 2- आता है जिस व्यक्ति को, बात-बात में क्रोध। संभावित नुकसान का, उसे न रहता बोध।। उसे न रहता बोध, क्रोध से बुद्धि नशाती। समझाइश की बात, समझ में उसे न आती।। अति क्रोधी इंसान, किसी को नहीं सुहाता। खो देता सुख-शांति, क्रोध जिसको भी आता।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava

#कविता #againstthetide  - कुण्डलिया -  "क्रोध"
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1-
क्रोधी को  इस बात का, रहे  न  कोई  बोध।
क्षतिकारक होता सदा, जब भी आता क्रोध।।
जब भी आता क्रोध, बुद्धि भी  है  चकराती।
भले-बुरे  की  बात, ज़रा भी समझ न आती।।
क्रोध मनुज का शत्रु, प्रगति का भी अवरोधी।
तन-मन-धन सब नष्ट, स्वयं  करता है  क्रोधी।।
2-
आता है जिस व्यक्ति को, बात-बात में क्रोध।
संभावित  नुकसान  का, उसे न रहता बोध।।
उसे न रहता बोध,  क्रोध  से  बुद्धि  नशाती।
समझाइश की बात, समझ में उसे न आती।।
अति क्रोधी इंसान, किसी  को  नहीं सुहाता।
खो देता सुख-शांति, क्रोध जिसको भी आता।।

- हरिओम श्रीवास्तव -

©Hariom Shrivastava

#againstthetide हिंदी कविता

14 Love

White - कुण्डलिया - “बँटोगे तो कटोगे”  ------------------------------------ पति का मोबाइल मिला, बार-बार जब व्यस्त। पत्नी ने मैसेज तब, लिखा बहुत ही मस्त।। लिखा बहुत ही मस्त, ‘बँटोगे अगर कटोगे’। फिर तुम सबको छोड़, हमेशा मुझे रटोगे।। पढ़ते ही आभास, हुआ पति को निज गति का। पत्नी को तत्काल, फोन आया तब पति का।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava

#कविता #love_shayari  White  - कुण्डलिया  - “बँटोगे तो कटोगे” 
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पति का मोबाइल मिला, बार-बार जब व्यस्त।
पत्नी ने मैसेज तब, लिखा बहुत ही मस्त।।
लिखा बहुत ही मस्त, ‘बँटोगे अगर कटोगे’।
फिर तुम सबको छोड़, हमेशा मुझे रटोगे।।
पढ़ते ही आभास, हुआ पति को निज गति का।
पत्नी को तत्काल, फोन आया तब पति का।।
- हरिओम श्रीवास्तव -

©Hariom Shrivastava

#love_shayari हिंदी कविता हिंदी कविता

10 Love

शुभ धनतेरस - कुण्डलिया - धनतेरस पर श्रीमती, चलीं गयीं बाजार। मुझको लेकर साथ में, घूमी घण्टे चार।। घूमी घण्टे चार, लिए कुछ जेवर बर्तन।  इससे उस दूकान, कराया मुझको नर्तन।। खत्म हुआ बैलेंस, और मैं भी था बेबस। मनी इस तरह आज, हमारी तो धनतेरस।। -हरिओमश्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava

#कविता #Dhanteras  शुभ धनतेरस


- कुण्डलिया -

धनतेरस पर श्रीमती, चलीं गयीं बाजार।
मुझको लेकर साथ में, घूमी घण्टे चार।।
घूमी घण्टे चार, लिए कुछ जेवर बर्तन। 
इससे उस दूकान, कराया मुझको नर्तन।।
खत्म हुआ बैलेंस, और मैं भी था बेबस।
मनी इस तरह आज, हमारी तो धनतेरस।।

-हरिओमश्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava

#Dhanteras हिंदी कविता हिंदी कविता

12 Love

धनतेरस - कुण्डलिया - धनतेरस पर अब मुझे, रही न धन की चाह। तन-मन स्वस्थ रहे सदा, इसकी है परवाह।। इसकी है परवाह, कृपा धन्वंतरि करिए। जीवन के संताप, हमेशा हरते रहिए।। प्रभु जी इतनी चाह, ज़िंदगी रहे न बेरस। भरे रहें भण्डार, सभी को शुभ धनतेरस।। -हरिओम श्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava

#धनतेरस #कविता  धनतेरस  - कुण्डलिया - 
धनतेरस पर अब मुझे, रही न धन की चाह।
तन-मन स्वस्थ रहे सदा, इसकी है परवाह।।
इसकी है परवाह, कृपा धन्वंतरि करिए।
जीवन के संताप, हमेशा हरते रहिए।।
प्रभु जी इतनी चाह, ज़िंदगी रहे न बेरस।
भरे रहें भण्डार, सभी को शुभ धनतेरस।।

-हरिओम श्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava

#धनतेरस हिंदी कविता हिंदी कविता

12 Love

White आपको व आपके परिवार को धनतेरस की शुभकामनाएँ तथा - "कुछ दोहे" - --------------------------------------------- 1- अक्टूबर उन्तीस को, धनतेरस का पर्व। इन त्यौहारों पर हमें, होता है अति गर्व।। 2- सबको प्रभु धन धान्य दें, सारे बनें अमीर। धन्वंतरि भगवान दें, सबको स्वस्थ शरीर।। 3- धनतेरस के पर्व पर, हो स्वर्णिम समृद्धि। लक्ष्मी जी सबकी करें, धन-दौलत में वृद्धि।। 4- भरा रखें सबका सदा, लक्ष्मी जी भण्डार। धन-दौलत यश कीर्ति का, रहे न पारावार।। 5- जितनी है इंसान को, धन-दौलत की चाह। उतनी हो आरोग्य की, काश उसे परवाह।। -हरिओम श्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava

#कविता #Dhanteras  White आपको व आपके परिवार को धनतेरस की शुभकामनाएँ तथा - "कुछ दोहे" -
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1-
अक्टूबर उन्तीस को, धनतेरस का पर्व।
इन त्यौहारों पर हमें, होता है अति गर्व।।
2-
सबको प्रभु धन धान्य दें, सारे बनें अमीर।
धन्वंतरि भगवान दें, सबको स्वस्थ शरीर।।
3-
धनतेरस के पर्व पर, हो स्वर्णिम समृद्धि।
लक्ष्मी जी सबकी करें, धन-दौलत में वृद्धि।।
4-
भरा रखें सबका सदा, लक्ष्मी जी भण्डार।
धन-दौलत यश कीर्ति का, रहे न पारावार।।
5-
जितनी है इंसान को, धन-दौलत की चाह।
उतनी हो आरोग्य की, काश उसे परवाह।।
-हरिओम श्रीवास्तव-

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#Dhanteras हिंदी कविता

14 Love

⚜️शुभ धनतेरस⚜️ आपको व आपके परिवार को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ तथा -एक दोहा- °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° सबको प्रभु धनधान्य दें, सारे बनें अमीर। धन्वन्तरि भगवान दें, सबको स्वस्थ शरीर।। खूब शुभ हो धनतेरस।। ~हरिओम श्रीवास्तव~ -सुधा श्रीवास्तव- ©Hariom Shrivastava

#HappyDhanteras2023 #कविता  ⚜️शुभ धनतेरस⚜️

आपको व आपके परिवार को धनतेरस की
हार्दिक शुभकामनाएँ तथा -एक दोहा-
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सबको प्रभु धनधान्य दें, सारे बनें अमीर।
धन्वन्तरि भगवान दें, सबको स्वस्थ शरीर।।
खूब शुभ हो धनतेरस।।

~हरिओम श्रीवास्तव~
-सुधा श्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava

#HappyDhanteras2023 हिंदी कविता

12 Love

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