उफ। ये रात का आना, मन को घायल कर जाता है
जहां रात के परवाने में, सितारों की एक शम्मा जलती है।
मन बाग - बाग हो उठता है इस धरती का........
जब चांद की नज़रें उस...चांदनी से जा मिलती हैं।
है गवाह धरती , ये अंबर उस रात के
जिसके अंधेरे में इनके मिलन से, चांदनी रात बनती है।
ये कैसा रिश्ता है अंबर से इन चांद , सितारों का ?
जहां खुद प्रकृति ही एक गाढ़े प्रेम की सौगात बनती है।
©Rachna
night with lovely moon and stars