शिक्षा,सेहत,बिजली,पानी,अस्पताल के काम, इसके बदले क | हिंदी कविता

"शिक्षा,सेहत,बिजली,पानी,अस्पताल के काम, इसके बदले कोन चुनेगा मजहब का गुणगान , हो सकता ना पूर्ण हुऐ पर कोशिश तो की करने की, सालों से जो बंद पड़े असली मुद्दों पे लड़ने की, थोड़ा सा कोई सबक ही लेले और बस ऐसे काम करे, मंदिर - मस्जिद संप्रदाय ना बस शिक्षा की बात करे , मूलभूत चीजें पहुँचाये उसके हीत ही काम करे, जनता उसको गले लगाये उसको फिर स्वीकार करे।।...!!!"

 शिक्षा,सेहत,बिजली,पानी,अस्पताल के काम,
इसके बदले कोन चुनेगा मजहब का गुणगान ,

हो सकता ना पूर्ण हुऐ पर कोशिश तो की करने की,
सालों से जो बंद पड़े असली  मुद्दों  पे लड़ने की,

थोड़ा सा कोई सबक ही लेले और बस ऐसे काम करे,
मंदिर - मस्जिद संप्रदाय ना बस शिक्षा की  बात करे ,

मूलभूत चीजें पहुँचाये उसके  हीत  ही काम करे,
जनता उसको गले लगाये उसको फिर स्वीकार करे।।...!!!

शिक्षा,सेहत,बिजली,पानी,अस्पताल के काम, इसके बदले कोन चुनेगा मजहब का गुणगान , हो सकता ना पूर्ण हुऐ पर कोशिश तो की करने की, सालों से जो बंद पड़े असली मुद्दों पे लड़ने की, थोड़ा सा कोई सबक ही लेले और बस ऐसे काम करे, मंदिर - मस्जिद संप्रदाय ना बस शिक्षा की बात करे , मूलभूत चीजें पहुँचाये उसके हीत ही काम करे, जनता उसको गले लगाये उसको फिर स्वीकार करे।।...!!!

#AAPKiDilli

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