White कंकड़ कंकड़ पत्थर हुआ,फिर पत्थर बना पहाड़।ब

"White कंकड़ कंकड़ पत्थर हुआ,फिर पत्थर बना पहाड़।बिन कंकड़ ना पत्थर है, ना पत्थर बिना पहाड़।। बारिश की बूंदे नदियां भरती, नदियां बहे हजार। जब नदियां सागर को मिली, तब मिला पानी को धार।। झुंड भले हो तारों का, बिन चंदा चमक बेकार। बिन तारों के गगन घर खाली,कोई घर में हो जैसे बीमार।। ©Vishwas Pradhan"

 White  कंकड़ कंकड़ पत्थर हुआ,फिर पत्थर बना पहाड़।बिन कंकड़ ना पत्थर है, ना पत्थर बिना पहाड़।।
बारिश की बूंदे नदियां भरती, नदियां बहे हजार।
जब नदियां सागर को मिली, तब मिला पानी को धार।।
झुंड भले हो तारों का, बिन चंदा चमक बेकार।
 बिन तारों के गगन घर खाली,कोई घर में हो जैसे बीमार।।

©Vishwas Pradhan

White कंकड़ कंकड़ पत्थर हुआ,फिर पत्थर बना पहाड़।बिन कंकड़ ना पत्थर है, ना पत्थर बिना पहाड़।। बारिश की बूंदे नदियां भरती, नदियां बहे हजार। जब नदियां सागर को मिली, तब मिला पानी को धार।। झुंड भले हो तारों का, बिन चंदा चमक बेकार। बिन तारों के गगन घर खाली,कोई घर में हो जैसे बीमार।। ©Vishwas Pradhan

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