जब तक हाथ से भलाई निकल रही ह ज़वाल नहीं आसकता भलाई

"जब तक हाथ से भलाई निकल रही ह ज़वाल नहीं आसकता भलाई का मतलब एक प्लेट खाना कुछ पैसे अच्छा मशवरा दुख मे दिलासे किसी की खुशी मे बिना हसद के मुबारकबाद देना और उन जैसे छोटी छोटी बाते जिन की वजह से लोगो मे खुशियाँ वितरण की सकती है ©Ashab Khan"

 जब तक हाथ से भलाई निकल रही ह ज़वाल नहीं आसकता भलाई का मतलब एक प्लेट खाना कुछ पैसे अच्छा मशवरा दुख मे दिलासे किसी की खुशी मे बिना हसद के मुबारकबाद देना और उन जैसे छोटी छोटी बाते जिन की वजह से लोगो मे खुशियाँ  वितरण की सकती है

©Ashab Khan

जब तक हाथ से भलाई निकल रही ह ज़वाल नहीं आसकता भलाई का मतलब एक प्लेट खाना कुछ पैसे अच्छा मशवरा दुख मे दिलासे किसी की खुशी मे बिना हसद के मुबारकबाद देना और उन जैसे छोटी छोटी बाते जिन की वजह से लोगो मे खुशियाँ वितरण की सकती है ©Ashab Khan

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