शायरी।
(Please read the caption.)
जबसे आदत नहीं रही तेरे दीदार की
तबसे खबर नहीं रही मुझे बहार की
बेबसी का हाल तेरे प्यार में
हर शाम कटे तेरे इंतज़ार में
तू यह ना समझ हम तन्हा है
तेरे संग गुज़रता हर लम्हा है
हर पल तेरी कहानियाँ कहता है
तेरा दिया हुआ ग़म बस साथ ही रहता है।