तुझे छू कर बिखर गई
पास आ कर मेरे गुज़र गई
नींद में थी जब सहला गई
ख़्वाबों से दिल बहला गई
धड़कनो की आज़माइश कर गई
तुझसे मिलने की ख्वाहिश कर गई
दूरी को शर्मिन्दा कर गई
मुहोब्बत फिर से जिंदा कर गई।
22 Love
तेरा पता ढूंढते ढूंढते हम कब लापता हो गये, पता ही ना चला।
जबसे आदत नहीं रही तेरे दीदार की
तबसे खबर नहीं रही मुझे बहार की
बेबसी का हाल तेरे प्यार में
हर शाम कटे तेरे इंतज़ार में
तू यह ना समझ हम तन्हा है
तेरे संग गुज़रता हर लम्हा है
हर पल तेरी कहानियाँ कहता है
तेरा दिया हुआ ग़म बस साथ ही रहता है।
26 Love
रोज़ ख्वाहिशों से होती जंग है
कहती है हाथ मेरे ज़रा तंग है
रोज़ नया सबक सिखलाती है
कहती है यही ज़िन्दगानी है
रोज़ यह सुख दिखलाती है
पर बदले में दुःख दे जाती है
रोज़ ‘फरहान’ पर यह मरती है
उससे मुहोब्बत जो करती है
दिल में कसक बन रह जाती है
तभी तो यह किस्मत कहलाती है।
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