वक़्त घड़ी की सुईओं के साथ बीत रहा था, और एकाएक मुझे
"वक़्त घड़ी की सुईओं के साथ बीत रहा था, और एकाएक मुझे एहसास हुआ कि फूल हो तुम मुरझाना नही
अपने इस दोस्त को कभी भुलाना नही
जब तक हम जिंदा है ऐ मेरे दोस्त
कभी किसी से घबराना नही"
वक़्त घड़ी की सुईओं के साथ बीत रहा था, और एकाएक मुझे एहसास हुआ कि फूल हो तुम मुरझाना नही
अपने इस दोस्त को कभी भुलाना नही
जब तक हम जिंदा है ऐ मेरे दोस्त
कभी किसी से घबराना नही