"मुझे कभी दुनियां मेरे अल्फाजों की मुरीद नहीं लगती
तेरी नाराजगी इतनी भारी हैं की मनाने की कोई तरकीब
मुकम्मल तरकीब नहीं लगती
सारे शहर में रंगत है सब खुश है मगर मेरा दिल।नहीं लग रहा
मुझे तेरे बगैर ये ईद ईद नहीं लगती
anushka tiwari"
मुझे कभी दुनियां मेरे अल्फाजों की मुरीद नहीं लगती
तेरी नाराजगी इतनी भारी हैं की मनाने की कोई तरकीब
मुकम्मल तरकीब नहीं लगती
सारे शहर में रंगत है सब खुश है मगर मेरा दिल।नहीं लग रहा
मुझे तेरे बगैर ये ईद ईद नहीं लगती
anushka tiwari