मुझे कभी दुनियां मेरे अल्फाजों की मुरीद नहीं लगती
तेरी नाराजगी इतनी भारी हैं की मनाने की कोई तरकीब
मुकम्मल तरकीब नहीं लगती
सारे शहर में रंगत है सब खुश है मगर मेरा दिल।नहीं लग रहा
मुझे तेरे बगैर ये ईद ईद नहीं लगती
anushka tiwari
मुझे तुझसे मिलाने की वक्त की हर तरकीब मुबारक
आज सुबह जिसने सबसे पहले देखा तुझे उसे तेरी दीद मुबारक
हम तो ख्याल करके गुजरेंगे ये दिन भी
तेरा दीदार करने वालों को ईद मुबारक
anushka pandit
खुदखुशी की हिम्मत नही मुझमे हादसे होगें एक नजूमी का ये
वादा है
मेरा तजुर्बा है कि शर्त के बगैर आज कल सब आधा है
जिंदगी का बहुत नुकसान किया मैने मगर मै ये जानती हूं
उसे मेरे बिछड़ने का कोई गम नही
इस बात का दुख मुझे हद से ज्यादा है
,anushka pandit
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