खुदखुशी की हिम्मत नही मुझमे हादसे होगें एक नजूमी का ये
वादा है
मेरा तजुर्बा है कि शर्त के बगैर आज कल सब आधा है
जिंदगी का बहुत नुकसान किया मैने मगर मै ये जानती हूं
उसे मेरे बिछड़ने का कोई गम नही
इस बात का दुख मुझे हद से ज्यादा है
,anushka pandit
my poem