तुम्हारी चाहत और
मेरे चाहने में बहुत फर्क है
यादों को जिन्दा रखने
और संजोने में
आसुओं का खर्च है. ...
लम्हें बीत गये
अरसा निकल गया
हमारा आज अब
बीता कल हो गया. ...
न तुम गये न यादें गयी
और फिर एक ऐहसास
यूँ ही पिरोती गयी. ...
कि तुम को बयाँ करने
में अब भी बेजुबान
आसुओं का खर्च है. .....
#याद