सब कुछ सीखा हमने पर, हाथ जो भी बढ़ाता है नरेन्द्र

"सब कुछ सीखा हमने पर, हाथ जो भी बढ़ाता है नरेन्द्र बांधता है खुद के सर पर सेहरा वस्ल ए यार के लिए बड़ा मुनासिब होता है ग़रीबी का चेहरा ©Narendra Sonkar"

 सब कुछ सीखा हमने पर, हाथ जो भी बढ़ाता है नरेन्द्र बांधता है खुद के सर पर सेहरा

वस्ल ए यार के लिए बड़ा मुनासिब होता है ग़रीबी का चेहरा

©Narendra Sonkar

सब कुछ सीखा हमने पर, हाथ जो भी बढ़ाता है नरेन्द्र बांधता है खुद के सर पर सेहरा वस्ल ए यार के लिए बड़ा मुनासिब होता है ग़रीबी का चेहरा ©Narendra Sonkar

"वस्ल ए यार के लिए बड़ा मुनासिब होता है ग़रीबी का चेहरा"

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