अपने में रम जाना अच्छा है.
कुछ कहने से अगर बिगड़ते हों रिश्ते तो कुछ न कहना अच्छा है।
कुछ कहने से अगर बिगड़ती हों दूरियां तो कुछ न कहना अच्छा है।
तो फिर अपने में रम जाना अच्छा है..
कुछ कहने से अगर बिगड़ती हों नफरतें तो कुछ न कहना अच्छा है।
कुछ कहने से बिगड़ती हों गफलतें तो कुछ न कहना अच्छा है।
तो फिर अपने में रम जाना अच्छा है..
कुछ कहने से अगर बिगड़ती हों कषाय तो कुछ न कहना अच्छा है।
कुछ कहने से अगर बिगड़ते हों अरमान तो कुछ न कहना अच्छा है।
तो फिर अपने में रम जाना अच्छा है..
कुछ कहने से अगर बिगड़ते हों भाव तो कुछ न कहना अच्छा है।
कुछ कहने से अगर बिगड़ते हों ख्याल तो कुछ न कहना अच्छा है।
तो फिर अपने में रम जाना अच्छा है..
कुछ कहने से अगर बिगड़ते हों संस्कार तो कुछ न कहना अच्छा है।
कुछ कहने से बिगड़ती हों बातें तो कुछ न कहना अच्छा है।
तो फिर अपने में रम जाना अच्छा है..
कुछ कहने से अगर बिगड़ते हों हालात तो कुछ न कहना अच्छा है।
कुछ कहने से बिगड़ते हों मिजाज तो कुछ न कहना अच्छा है।
तो फिर अपने में रम जाना अच्छा है..
तो फिर आतमपन पाना अच्छा है..
ध्रुवार्थी तन्मय
#lockdown3