चाय और चौपाल अक्सर भूल जाते है चाय की चौपाल में, चाय की शान में कुछ कहना!इंतजार होता है दो लफ्ज का किसी को!अगर समझ गये हो तो, सजती रहेगी महफिल चौपाल में यू ही ,या समझोगे तब, बिल्ली पी जायेगी दूध सारा, या बर्तन गिरेंगे रसोई में तब !सिर्फ दो लफ्जो की बात है ,जिसे भूल जाते हो अक्सर.…..